ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने के एएसआई सर्वेक्षण की मांग को लेकर श्रृंगार गौरी केस की मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह की ओर से याचिका दाखिल की गई है। इसमें कहा गया है कि जिस तरह से ज्ञानवापी के पूरे परिसर का सर्वे किया गया है, उसी तरह से सील वजूखाने का भी सर्वे किया जाना चाहिए।
इस मामले में आज, 9 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई की जाएगी। इसमें ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामियां कमेटी को अपना जवाब दाखिल करना है। जानकारी के मुताबिक, मस्जिद कमेटी को अभी नोटिस ही सर्व नहीं हुआ है। 2 साल पहले कथित शिवलिंग मिलने के बाद वजूखाने को सील कर दिया गया था। मुस्लिम पक्ष की ओर से इसे फव्वारा बताया जाता है लेकिन हिन्दू पक्ष उसके शिवलिंग होने का दावा करता है।
वहीं, ज्ञानवापी परिसर का इससे पहले सर्वे किया गया था। उस वक्त वजूखाने को इससे अलग रखा गया था। कोर्ट के आदेश पर ये हिस्सा सील बंद हैं। परिसर के एएसआई सर्वे में कई हिन्दू प्रतीक चिन्ह और मूर्तियां मिली थी। दूसरी ओर ज्ञानवापी की इमारत के नीचे मौजूद 10 तहखानों की भारतीय पुरातत्व (ASI) से सर्वे करवाने की मांग की मांग की गई है।
बता दें, वाराणसी जिला अदालत की ओर से ज्ञानवापी परिसर के तहखाने में पूजा-अर्चना की परमिशन दे दी गई है, जिसके बाद से ही लोग यहां नियम अनुसार पूजा पाठ कर रहे हैं। खास बात यह है कि इसे देखने के लिए भी लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लगी रहती हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर के अधिकारी स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर इसका प्रबंध कर रहे हैं। फिलहाल, श्रद्धालु परिसर की सीमा पर लगाए गए बैरिकेड्स के पास से एक झरोखे (खिड़की) से तहखाने को देख सकते हैं।