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काशी पहुंचा देश का पहला Hydrogen Cruise, जानें क्या है इसकी खासियत

India's First Green Hydrogen Cruise: ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाला देश का पहला जलयान पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंच गया है। कोच्चि शिपयार्ड से समुद्रीमार्ग के जरिए शिप ने रामनगर पहुंचकर सफर पूरा किया। शिप को रविवार देर शाम नमो घाट पर रोका गया, जहां से देर रात पर्यटन विभाग की निगरानी में रामनगर मल्टी-मॉडल टर्मिनल राल्हपुर ​​​​​​में ले जाया गया।
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India’s First Green Hydrogen Cruise: ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाला देश का पहला जलयान पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंच गया है। कोच्चि शिपयार्ड से समुद्रीमार्ग के जरिए शिप ने रामनगर पहुंचकर सफर पूरा किया। शिप को रविवार देर शाम नमो घाट पर रोका गया, जहां से देर रात पर्यटन विभाग की निगरानी में रामनगर मल्टी-मॉडल टर्मिनल राल्हपुर ​​​​​​में ले जाया गया।

बता दें, डबल डेकर कटा मेरान पर्यटक जलयान जून के आखिरी सप्ताह में कोलकाता से चला था। रास्ते में कम पानी होने की वजह से उसे वाराणसी पहुंचने में कुछ समस्या हुई, जिसके कारण जलयान को आधा सफर पूरा करने में ज्यादा समय लगा।

भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि कोचीन शिपयार्ड ही छह महीने परीक्षण करेगा और अपने स्तर से हाइड्रोजन गैस की व्यवस्था करेगा। ट्रायल पूरा होने के बाद जलयान को पर्यटन विभाग अपनी निगरानी में संचालित करेगा। साथ ही किराया और रूट भी निर्धारण करेगा।

वाराणसी से चुनार के बीच चलेगा Hydrogen Cruise

जानकारी के मुताबिक, जलयान में 50 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। इस जलयान को पर्यटन विभाग वाराणसी से मिर्जापुर के चुनार के बीच करीब 15 किमी की दूरी में चलाएगा। हाइड्रोजन जलयान काशी-प्रयागराज के बीच महाकुंभ के दौरान भी चलाया जाएगा।

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जानें Hydrogen Cruise की खासियत

  • यह शिप पूरी तरह हाइड्रोजन फ्यूल से चलेगा।
  • हाइड्रोजन खत्म होने या शिप में कुछ खराबी आने पर विकल्प के रूप में इलेक्ट्रिक इंजन से भी लैस है।
  • यह हाइड्रोजन जलयान मेट्रो ट्रेन की कोच की तरह दिखता है, लेकिन यह मजबूत और हल्के प्लास्टिक से बना है।

बता दें, ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाले जलयान से न ध्वनि प्रदूषण होगा और न ही वायु प्रदूषण। ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी का सबसे साफ सोर्स है। इससे गंगा को भी कोई नुकसान नहीं होगा।


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