Teacher Murder in Muzaffarnagar: मुजफ्फरनगर में सिपाही द्वारा शिक्षक की हत्या का मामला प्रदेश भर में गरमा गया है। शिक्षक धर्मेंद्र कुमार अपनी टीम के साथ वाराणसी से यूपी बोर्ड एग्जाम की कॉपियों को लेकर मुजफ्फरनगर आए थे।
ये कापियां शहर के एसडी इंटर कॉलेज में जमा करानी थी। लेकिन रात में गेट बंद होने के कारण वे अपनी टीम के साथ गाड़ी में ही इंतजार करने लगे। यहां उनकी हेड कॉन्स्टेबल के साथ बहस हुई जिसको लेकर चंद्र प्रकाश नाम के इस पुलिसकर्मी ने शिक्षक को गोलियों से भून दिया।
वाराणसी में शिक्षकों ने रखी मांग
वाराणसी में इस घटना का विरोध शुरू हो चुका है। शिक्षक विधायक चेतनारायण सिंह ने सभी शिक्षकों के साथ मिलकर तय किया है कि वाराणसी के सेंटर पर कॉपी जांचने का काम आज नहीं किया जाएगा। मृतक शिक्षक की मौत के विरोध में शोकसभा का आयोजन भी किया गया है। दोपहर 12 बजे क्वींस इंटर कालेज में ये आयोजन किया जा रहा है।
शिक्षक ये मांग कर रहे हैं कि आरोपी पुलिस कर्मा पर रासुका लगाए जाए। मृतक के परिवार को 10 करोड़ रुपये देने के अलावा उनके परिवार के मेंबर को एक पीसीएस लेवल की नौकरी दी जाए। इसके अलावा मृतक धर्मेंद्र कुमार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाए।
कॉपी के मूल्यांकन का काम नहीं करने की धमकी दी
धर्मेंद्र कुमार गाड़ी में ड्यूटी कर रहे थे। शिक्षकों का कहना है कि फ्यूचर में शिक्षकों को ट्रक या कंटेनर में ड्यूटी करने ना भेजा जाए। शिक्षकों ने सरकार से लिखित तौर पर अपनी मांगों को पूरा करने के लिए कहा है। इसके बाद ही धरना समाप्त होगा। शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि तब तक कॉपी के मूल्यांकन का काम पूरा नहीं होगा।
बता दें, वाराणसी में 9 सेंटर पर कॉपी जांचने का काम चल रहा है। ये कार्य शनिवार से जारी है। लेकिन अब अपने साथी की हत्या से शिक्षकों में रोष है। उनको अपनी सुरक्षा की चिंता होने लगी है। उत्तर प्रदेश प्रशासन के लिए भी ये एक चुनौती है क्योंकि वाराणसी के विभिन्न केंद्रों में 11 लाख कॉपियों का मूल्यांकन होना है।
शिक्षक की हत्या मुजफ्फरनगर शहर में हुई थी। वेस्ट यूपी के इस जिले में भी सर्कुलर रोड पर चौधरी छोटूराम इंटर कॉलेज के सामने शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन किया।