Varanasi Boatmen: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पिछले कुछ दिनों से गंगा नदी में जल स्तर घट रहा है, लेकिन इसके बावजूद गंगा के तट पर नौका संचालन पर प्रतिबंध जारी है। इसके कारण वाराणसी में नाविक समुदाय को आजीविका संकट का सामना करना पड़ रहा है।
भारी बारिश की वजह से गंगा का जल स्तर बढ़ गया था, लेकिन अब नदी का जल स्तर घट रहा है, जिससे वाराणसी के घाटों पर गाद जमा हो गई है। स्थानीय नाविकों ने सरकार से बोटिंग संचालन फिर से शुरू करने का अनुरोध किया है, ताकि समुदाय की आजीविका फिर से शुरू हो सके।
पिछले ढाई महीने से बोटिंग गतिविधियां प्रतिबंधित
स्थानीय नाविकों का कहना है कि जल स्तर के कारण नौका संचालन पर प्रतिबंध लगे हुए ढाई महीने से अधिक समय हो गया है। हमारी रोजी-रोटी नाव से ही चलती है। हमारा परिवार, दिहाड़ी मजदूरी, काम सब नाव से ही चलता है। ढाई महीने से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन हमारी बोटिंग गतिविधियां बंद हैं।
इसकी वजह से हमें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हम चाहते हैं कि सरकार हमारे बोटिंग संचालन को फिर से शुरू करे, ताकि हम शांति से रह सकें, कमा सकें और कुछ खा सकें।
बीमार बच्चे के इलाज तक को पैसे नहीं
एक नाविक ने कहा कि मैं अपने बच्चों की स्कूल फीस नहीं दे पा रहा हूं। मेरा बच्चा बीमार है और मेरे पास अपने बच्चे के इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। मुझे पैसे उधार लेने पड़ते हैं, लेकिन कोई देने को तैयार नहीं है। स्थिति बहुत खराब है। मुझे लगता है कि इस तरह जीने से बेहतर है कि मेरे परिवार के सदस्य आत्महत्या कर लें, यही स्थिति है।
स्थानीय नाविकों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार
स्थानीय नाविकों ने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार यह समझे कि हमारी आजीविका बंद हो गई है। इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारा परिवार भूखा न रहे और हमारे परिवारों को अन्य कठिनाइयों का सामना न करना पड़े, उसके लिए कोई व्यवस्था करे।
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हमारी आजीविका बंद हुए 2 महीने से अधिक हो गए हैं। गंगा का पानी कम हो रहा है, हमें लगता है कि पानी कम होने में 10 से 15 दिन और लगेंगे। जलस्तर में धीरे-धीरे कमी आने से कीचड़, गंदगी और गाद जमा हो गई है। सफाई के प्रयास जारी हैं, लेकिन धीमी गिरावट के कारण घाटों की उचित सफाई में बाधा आ रही है।