राज्यसभा के सदस्यों के चुनाव के लिए लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हलचल तेज़ है। दरअसल विधायकों की संख्या बल के आधार पर, अधिकांश सीटों पर BJP और सपा के उम्मीदवारों की जीत तय है। मगर जिस एक उम्मीदवार या यूं कहें BJP के 8वें उम्मीदवार संजय सेठ जीत के गणित को सेट करने के लिए ज़ोर आज़माइश चल रही है, उन्होंने लखनऊ में नामांकन कर दिया है।
आज विधानसभा लखनऊ में आदरणीय प्रदेश अध्यक्ष श्री @Bhupendraupbjp जी, माननीय उपमुख्यमंत्री श्री @kpmaurya1 जी, माननीय मंत्री-गण एवं पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ उत्तर प्रदेश से राज्यसभा (द्विवार्षिक चुनाव) हेतु नामांकन किया। pic.twitter.com/PiW3cE8nNQ
— Sanjay Seth (@MpSanjayseth) February 15, 2024
दरअसल 27 फ़रवरी को यूपी में राज्यसभा चुनाव के तहत राज्यसभा की कुल 10 सीटों पर मतदान होना है। ऐसे में तय मापदंड और विधायकों की संख्या के आधार पर कुल 7 सीटों पर BJP की जीत तय है। जबकि 3 सीटों पर सपा का गणित लगभग सेट हो सकता है। लेकिन BJP ने 8वां उम्मीदवार उतारकर खेल कर दिया है, क्योंकि अब वर्तमान में यूपी की 10 राज्यसभा सीटों पर कुल 11 उम्मीदवार चुनावी मैदान में आ गए है। आपको बता दें कि सपा की ओर से राज्यसभा के लिए पहली उम्मीदवार जया बच्चन है, जबकि दूसरे उम्मीदवार आलोक रंजन और तीसरे उम्मीदवार रामजीलाल सुमन हैं। वहीं BJP के पहले उम्मीदवार सुंधाशु त्रिवेदी, दूसरे उम्मीदवार आरपीएन सिंह, तीसरे उम्मीदवार अमरपाल मौर्या, चौथे तेजपाल सिंह , पांचवे नवीन जैन, 6वीं उम्मीदवार साधना सिंह और सातवीं उम्मीदवार संगीता बलवंत हैं। जिनका राज्यसभा जाना तय माना जा रहा है। मगर BJP के 8वें उम्मीदवार संजय सेठ के चुनावी मैदान में आने से सपा के लिए मुश्किलें बढ़ गई है।
संजय सेठ सपा में सेंधमारी कर सकते हैं। क्योंकि आंकड़ों का गणित कह रहा है कि सपा के पास तीन सदस्यों को राज्यसभा भेजने के लिए पर्याप्त संख्या है। मगर संजय सेठ समाजवादी पार्टी में रहते पार्टी के कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं। सपा ने उन्हें साल 2016 में सपा की तरफ से राज्यसभा भेजा था। उसके बाद 2019 में भारतीय जनता का दामन थामने के पहले उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए थे। ऐसे में सपा के खेमे में संजय सेठ की अच्छी खासी पैठ मानी जा रही है।
दरअसल एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए प्रत्याशी को 37 विधायकों के वोट की ज़रूरत है। ऐसे में बीजेपी को अपने 8वें प्रत्याशी को जिताने के लिए 8 विधायकों के वोट की ज़रूरत और पड़ेगी। क्योंकि RLD विधायकों को मिलाकर NDA के पास 288 वोटों का आँकड़ा है। ऐसी परिस्थिति में BJP के साथ साथ सपा के तीसरे प्रत्याशी को भी जीत के लिए, सपा को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती हैं। क्योंकि अपने तीसरे राज्यसभा प्रत्याशी को जिताने के लिए सपा को 1 अतिरिक्त विधायक के वोट की ज़रूरत है, लेकिन सपा के 2 विधायक जेल में हैं और पल्लवी पटेल विरोध में हैं, कांग्रेस मिलाकर सपा के पास वर्तमान में कुल 110 विधायक हैं। ऐसे में सपा को कुल 4 अतिरिक्त वोट की आवश्यकता पड़ेगी और इस स्थिति में सपा के खेमे के नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ सकती हैं। क्योंकि अगर क्रॉस वोटिंग हुई तो BJP 8 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है और इस हालत में यूपी में BSP के एक मात्र विधायक के वोट की अहमियत भी बढ़ जाएगी।