Loksabha Election 2024: चुनाव के नतीजे आने से पहले एक्जिट पोल ने जाहिर कर दिया है कि इस बार किसकी सरकार बनने वाली है। अब एक्जिट पोल की माने तो एनडीए इस बार फिर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने वाली है, लेकिन एक्जिट पोल के नतीजों में राहुल गाँधी के बयान बिलकुल अलग थे। उनका कहना था की एग्जिट पोल तो बीजेपी के ही पक्ष में आएगा, लेकिन यह तो थोड़ी देर में तय हो जाएगा कि एग्जिट पोल के नतीजे कितने सही थे लेकिन एक सवाल जो काफी हद तक सबके मन में है की अगर आज NDA जीतती है तो क्या इंडिया गठबंधन ऐसे ही बना रहेगा या फिर टूटेगा और अगर टूटता है तो इससे NDA को कितना फायदा होगा।
INDIA गठबंधन की हार से क्या मिलेगा NDA को फायदा?
राहुल गाँधी का इंडिया गठबंधन को बनाने में अहम रोल था और अगर आज इंडिया हारती है तो कहीं न कहीं राहुल गाँधी को सबसे बड़ा झटका लगने वाला क्यों की जैसे उन्होंने मेहनत की थी चाहे वो ‘देश जोड़ो यात्रा’ हो या फिर ‘युथ कांग्रेस’ के जरिये युवाओ को साथ लाने की उनकी कोशिश, इंडिया के बाकी नेताओं से ज्यादा प्रयास राहुल ने किए थे, लेकिन अगर आज इंडिया चुनाव हारती है और इंडिया गठबंधन टूटता है तो NDA को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
कैसे टूट सकती है इंडिया गठबंधन
2024 लोकसभा चुनाव जीतने के लिए 28 पार्टियों के 63 बड़े नेताओ ने साथ मिलकर इंडिया एलाइंस की शुरुवात की और वजह थी BJP को किसी भी तरह हटाना क्यों की 2019 के चुनाव में NDA ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी और विपक्ष नहीं चाहता था की यह दुबारा हो लेकिन अगर इंडिया गठबंधन हारा तो क्या होगा यह शायद किसी ने कुछ भी सोचा नहीं होगा लेकिन अगर इंडिया हारी तो टूट सकती है इंडिया गठबंधन। अब आप बताइये की कैसे टूट सकती है टूटने का कारण है क्या हो सकता है. चलिए हम बताते है टूटने का कारण होसकता पुराने गठबंधन के रिकॉर्ड बतादे की 2019 में जब बसपा और सपा ने गठबंधन किया था बिलकुल ऐसा देखने को मिला और कारण था दोनों की सीटे।
2019 के चुनाव में उम्मीद के अनुसार समाजवादी पार्टी को उतनी सीटे नहीं मिली थी जितनी मिलनी चाहिए थी, जिसके कारण अखिलेश यादव की बुआ (मायावती) नाराज होगयी क्यों की बसपा ने सपा से ज्यादा सीटे हासिल की थी और यह तो केवल एक कारण है इसके साथ कांग्रेस का भी 2019 का गठबंधन टूट गया था अब देखने वाली बात यह है की क्या सीटों के कारण यह गठबंधन टूट सकता है, लेकिन इस सवाल को कहीं न कहीं राहुल गाँधी ने साफ करदिया है। राहुल गाँधी ने कहा था की ममता दीदी और हमारे बीच सीटों को लेकर चीजे बड़ी साफ है और हम विपक्ष के भड़काऊ भाषण में ध्यान नहीं देने वाले अब तो यह चुनावी राजनीती है यहां बड़ी बड़ी पार्टिया कब किधर चली जाए यह बिलकुल भी अंदाजा नहीं लगा सकते।