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मोबाइल चलाने से 2030 तक भारत के हर तीसरे बच्चे को होगी यह बीमारी

Effects of Excessive Screen Time In Children | shreshth uttar pradesh |

Effects of Excessive Screen Time In Children: आज के समय में मोबाइल फोन हर किसी की जरूरत बन गया है। युवा, बच्चे और बुजुर्ग अपना अधिकतर समय मोबाइल पर बिता रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्क्रीन का लंबे समय तक उपयोग आपके बच्चे को बीमार बना सकता है। नेत्र विशेषज्ञों का कहना है कि 2030 तक भारत में 5 से 15 वर्ष की आयु के बच्चे मायोपिया से पीड़ित होंगे।

मोबाइल स्क्रीन पर अधिक समय बिताना दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दा बन गया है। नेत्र विशेषज्ञों का मानना है कि पूरे विश्व में साल 2050 की शुरूआत में ही हर दो में से एक व्यक्ति यानी 50 प्रतिशत आबादी निकट दृष्टि दोष का शिकार हो जाएगी। स्टडी में सामने आया है कि मायोपिया बच्चों और वयस्कों में ज्यादा देखने को मिल रहा है। मायोपिया की दर विश्व स्तर पर बढ़ती जा रही है, जिसमें विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश भारत भी शामिल है। वहीं, भारत में मायोपिया शहरी बच्चों में ज्यादा देखने को मिल रहा है।

स्टडी से पता चलता है कि साल 1999 में भारत के शहरी बच्चों में मायोपिया के मामले 4.44 प्रतिशत थे,लेकिन 2019 तक यानी 20 साल में यह आंकड़ा बढ़कर 21.15 प्रतिशत यानी तीन गुना हो गया। वहीं, नेत्र चिकित्सकों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में शहरी बच्चों में मायोपिया के मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हर साल 0.8 प्रतिशत की तेजी पर आधारित रिपोर्ट बताती है कि शहरी बच्चों में निकट दृष्टि दोष के मामले 2030 में 31.89 प्रतिशत, 2040 में 40 प्रतिशत और 2050 में 48.1 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगे। यानी भारत में अगले 25 साल में हर दो बच्चों में से एक बच्चा मायोपिया से पीड़ित होगा।

मायोपिया क्या है?

मायोपिया एक प्रकार का नेत्र रोग है, जिसका अर्थ है कि आप पास की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं,लेकिन दूर की वस्तुओं को देखने में कठिनाई होती है। नेत्र विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यदि आपका बच्चा पढ़ने या स्मार्टफोन और कंप्यूटर का उपयोग करने जैसी “निकट” गतिविधियों में बहुत समय बिताता है, तो इससे उनमें मायोपिया विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है।

मायोपिया के लक्षण क्या हैं?

दूर की वस्तुएं धुंधली दिखाई देती हैं।
सिरदर्द
आंख पर जोर
भेंगापन
गाड़ी चलाते समय, खेल खेलते समय या कुछ फीट से अधिक दूर देखने पर थकान

बच्चों में मायोपिया के लक्षण

स्कूल में ख़राब प्रदर्शन
ध्यान अवधि कम हो गई
वस्तुओं को अपने चेहरे के पास रखना

मायोपिया का उपचार

मायोपिया से पीड़ित कुछ बच्चों को चश्मे की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा पोषण आपके बच्चे की दृष्टि के लिए बहुत आवश्यक है क्योंकि उनकी आंखें बढ़ती और विकसित होती हैं। अपने बच्चों के आहार में ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करें, जो विटामिन ए, विटामिन सी और ल्यूटिन
से भरपूर हों।

विटामिन ए आंखों की सतह और स्वस्थ दृष्टि को बनाए रखने के लिए आहार में एंटीऑक्सीडेंट विटामिन ए की पर्याप्त मात्रा की आवश्यकता होती है। ऐसे में पत्तेदार हरी सब्जियां , गाजर, पनीर और मछली को भोजन में शामिल करें, जिससे बच्चे को विटामिन ए भरपूर मात्रा में मिल सके।

विटामिन सी की खुराक पाने के लिए सबसे अच्छे खाद्य पदार्थ फल और सब्जियां हैं, जिनमें संतरे, अंगूर, स्ट्रॉबेरी और ब्रोकोली शामिल हैं।

इसके अलावा, पर्याप्त ल्यूटिन प्राप्त करने के लिए बच्चे को पत्तेदार हरी सब्जियां खिलाएं, जो आंखों को हानिकारक नीली रोशनी को फ़िल्टर करने में मदद करती है, जो रेटिना को नुकसान पहुंचा सकती है। आप अपने बच्चे के आहार में मल्टीविटामिन भी शामिल कर सकते हैं।


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