Purity of Water: क्या हम शुद्ध पानी पी रहे हैं? यह एक बड़ा सवाल है, क्योंकि आज जो पानी हम पी रहे हैं वह पूरी तरह शुद्ध है या नहीं, यह जानना अति आवश्यक है। IIT कानपुर ने एआई तकनीक से एक ऐसे डिवाइस का विकास किया है, जो केवल पानी की दो बूंद से कुछ ही सेंकेड में इस बात को साफ कर देगा कि हम कितना शुद्ध पानी पी रहे हैं।
30 सेकेंड में पानी की शुद्धता की मिलेगी रिपोर्ट
दरअसल, IIT ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से एक ऐसा डिवाइस विकसित किया है, जो केवल 30 सेकेंड में पानी की शुद्धता का प्रमाण दे देगा। इस डिवाइस के माध्यम से पानी की PH, हार्डनेस, इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी, TDS, लैड-हैवी मेटल, जर्बिडिटी जैसे शुद्ध पानी से जुड़े सभी पैरामीटर का आंकलन करेगा। साथ ही पानी की शुद्धता का प्रमाण देगा।
दो बूंद से साफ होगा पानी शुद्ध है या अशुद्ध
इस डिवाइस की सबसे खास बात यह है कि यह पोर्टेबल है। इस डिवाइस को आसानी से किसी भी स्थान पर साथ ले जाया जा सकता है। अभी पानी की जांच होती है तो उसकी रिपोर्ट का लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। इसी को ध्यान में रखकर यह डिवाइस विकसित किया गया है, जोकि पानी की दो बूंद से मात्र 30 सेकेंड में पानी की रिपोर्ट दे देगा। इस डिवाइस के माध्यम से पानी की रिपोर्ट को मोबाइल फोन पर भी प्राप्त किया जा सकता है। मिली जानकारी के मुताबिक, इस स्टार्टअप के फाउंडर रॉबिन सिंह हैं।
डिवाइस की खासियत
इस डिवाइस की अनेकों खासियत हैं। जैसे यह डिवाइस चार्जेबल है, इस टैक्नोलॉजी को एनएबीएल लैब से भी मान्यता मिली है। यह डिवाइस इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) पर आधारित है। यह डिवाइस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक पर काम करती है। इसको वाई-फाई, ब्लूटूथ या जीपीएस से भी चलाया जा सकता है।
पानी में कई प्रकार के ऐसे जर्म्स पाए जाते हैं, जो पानी को अशुद्ध बनाते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार है…
क्रिप्टोस्पोरीडीयम
कैम्पिलोबैक्टर
ई कोलाई
एंटरोवायरस
हेपेटाइटिस ए वायरस
लीजोनेला
नोरोवायरस
रोटावायरस
साल्मोनेला
शिगेला
कहते हैं जल ही जीवन है, लेकिन अब गंदा पानी पीने से लाखों लोगों की जान खतरे में आ जाती है। दूषित और गंदा पानी दुनियाभर में लोगों के लिए एक बड़ा स्वास्थ्य संकट बनकर उभर रहा है। देश में हर साल दूषित पानी पीने से न जानें कितने लोगों की तबियत खराब हो जाती है। गंदा पानी पीने के कारण लोग अमीबियासिस, जिआर्डिएसिस, पेचिश, कॉलेरा, टाइफाइड, ई कोली और हेपेटाइटिस जैसी गम्भीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।