Heart Attack Cases: दिल हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। स्वस्थ दिल के बिना स्वस्थ शरीर की कामना करना मुश्किल है। आए दिन हम अखबारों और न्यूज चैनल में हार्ट अटैक से मौत की खबरें सुनते रहते हैं। ये आंकड़ा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। इस बीच एक खास बात सामने आई है। दरअसल, डॉक्टर्स का कहना है कि मैदानी क्षेत्रों की तुलना में पहाड़ी क्षेत्रों में हार्ट अटैक के मामले कम मिलते हैं।
पहाड़ी लोगों की दिनचर्या का कमाल
हार्ट स्पेशलिस्ट के मुताबिक, पहाड़ी लोगों की दिनचर्या मैदानी क्षेत्रों के लोगों से बहुत अलग होती है। वह पूरा दिन शारीरिक श्रम वाले काम ज्यादा काम करते हैं। इसके अलावा वह दिन में लगातार घूमते रहते हैं। इसलिए वह मेंटली और शारीरिक रूप से फिट रहते हैं। इसकी तुलना में शहरी और मैदानी क्षेत्रों के लोग भी काम करते हैं, लेकिन वह ज्यादातर काम कुर्सी पर बैठे-बैठे करते हैं। इनकी दिनचर्या में शारीरिक श्रम बेहद कम होता है। साथ ही काम के स्ट्रेस के कारण मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानियों का शिकार हो जाते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में देखा जाए, तो यहां के लोग एक हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करते हैं। उनकी इच्छाएं शहरी लोगों की तुलना में कम होती हैं। इन क्षेत्रों में लोग खेती-बाड़ी करते हैं, जिसकी वजह से वह स्वस्थ रहते हैं। वह सुबह से शाम तक काम करते हैं, जोकि उन्हें व्यायाम जैसे फायदे पहुंचाता है। वहीं, शहरी लोगों के पास सभी संसाधन होने के बावजूद उनकी इच्छाएं खत्म नहीं होती हैं, जिसकी वजह से वह स्ट्रेस में रहते हैं। इन्हीं कारणों से ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में हार्ट अटैक के मरीज ज्यादा मिलते हैं।
आरामदायक जीवन है दुखदायी
शहरों में आधुनिक टेक्नोलॉजी का ज्यादा प्रयोग होता है, जिसका सीधा असर उनकी लाइफस्टाइल पर पड़ रहा है। आज के समय में लोग घर बैठे ही खाना और जरूरत की चीजे ऑर्डर कर सकते हैं। इसके विपरीत पहाड़ों में लोग आत्मनिर्भर होते हैं। वह अपना खाना खुद पकाते हैं। यहां आपको पौष्टिक आहार खाने को मिलता है। वहीं, शहरों में लोग जंक फूड ज्यादा खाते हैं।