उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक के बाद एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर रही है। यही वजह है कि अब तक प्रदेश के 256 स्वास्थ्य इकाइयों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (NQAS) सर्टिफिकेट मिल चुका है। यह प्रमाण पत्र प्रदेश की स्वास्थ्य इकाइयों को गुणवत्तापूर्ण इलाज, स्वास्थ्य के मानकों को पूरा करने और उस पर खरा उतरने पर मिला है।
जानकारी के मुताबिक, योगी सरकार प्रदेश के आयुष्मान आरोग्य मंदिर में लोगों काे घरों के नजदीक ही वर्ल्ड क्लास हेल्थ फैसिलिटीज देने की सुविधा को लेकर काम कर रही है। इतना ही नहीं योगी सरकार ने वर्ष 2026 तक प्रदेश की सभी स्वास्थ्य इकाइयों को NQAS सर्टिफ़िकेशन के दायरे में लाने का लक्ष्य रखा है, जबकि दिसंबर 2025 तक प्रदेश की 50 प्रतिशत स्वास्थ्य इकाइयाें को एन्क्वास प्रमाण पत्र से लैस करने का लक्ष्य रखा गया है।
एन्क्वास प्रमाणित स्वास्थ्य इकाइयां अंतरराष्ट्रीय मानकों को कर रहीं पूरा
एनएचएम के महाप्रबंधक डॉ. निशांत कुमार जायसवाल ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय केवल उन्हीं स्वास्थ्य इकाइयों को यह प्रमाणपत्र प्रदान करता है, जो मरीजों के इलाज और देखभाल के हर मानक को पूरा करते हैं। अगले तीन महीने में इतनी ही और स्वास्थ्य इकाइयों को NQAS के दायरे में लाने के हरसम्भव प्रयास जारी हैं।
इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर क्वालिटी इन हेल्थ केयर द्वारा प्रमाणित होने के कारण NQAS प्रमाणित स्वास्थ्य इकाइयां अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा कर रही हैं। इसकी पुष्टि इस बात से होती है कि 256 एन्क्वास प्रमाणित स्वास्थ्य इकाइयां लोगों को घरों के पास गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहीं हैं, इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति उनका विश्वास भी बढ़ा है।
वहीं, NQAS के मानकों पर खरा उतरने वाले बहराइच के कैसरगंज ब्लॉक के परसेंडी आयुष्मान आरोग्य मंदिर के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश ने बताया कि जब से इसे NQAS सर्टिफिकेट मिला है, तब से यह केंद्र बड़े-बड़े निजी अस्पतालों को भी मात दे रहा है। सभी मानकों को पूरा करने वाला यह जिले का पहला स्वास्थ्य उपकेंद्र है। केंद्र को अगस्त 2023 में न केवल भारत सरकार के एन्क्वास प्रमाणन से सम्मानित किया गया, बल्कि बदलाव में भागीदार बने। साथ ही यहां के स्वास्थ्य कर्मियों को राज्य स्तर पर सम्मानित भी किया गया।
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वाराणसी के खरगरामपुर में दी जा रही टेली मेडिसिन की सुविधा
वाराणसी के पहले NQAS प्रमाणित ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ खरगरामपुर के बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि चार साल पहले सेंटर (जच्चा-बच्चा केंद्र) पर एएनएम द्वारा नियमित टीकाकारण, प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) और परिवार नियोजन परामर्श सेवाएं दी जाती थीं।
वहीं, स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से वर्ष 2022 से सेंटर पर ओपीडी, प्रसव संबंधी सुविधाएं, मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, किशोर-किशोरी स्वास्थ्य सेवाएं, संचारी और गैर संचारी रोग संबंधी सेवाएं, नियमित टीकाकारण, परिवार नियोजन सेवाएं और परामर्श के साथ 14 प्रकार की पैथालोजी जांच, टेली मेडिसिन सुविधा लगातार प्रदान की जा रही हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) और आशा कार्यकर्ता इन सेवाओं को घर के नजदीक ही प्रदान करने में बेहतर भूमिका निभा रही हैं।