World No Tobacco Day 2024: भारत के युवा नशे की गिरफ्त में जा रहा है। भारत में तंबाकू का सेवन बहुत ही तेजी के साथ बढ़ रहा है। भारत में तंबाकू का सेवन बहुत ही आम बात है। लेकिन जो तंबाकू का सेवन करते हैं, शायद वह तंबाकू से होने वाले नुकसान से वाकिफ नहीं है। दुनिया भर में हर साल लगभग 80 लाख से ज्यादा लोगों की मौत तंबाकू के सेवन से होती है। तंबाकू में मौजूद निकोटीन सेहत के लिए बेहद ही खतरनाक होता है। कई लोगों को तंबाकू का सेवन करने की वजह से कैंसर तक हो जाता है।
हर साल हम 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) मनाते हैं। इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को तंबाकू सेवन से होने वाले खतरों से प्रति जागरूक करना है। तंबाकू सेहत के लिए बेहद ही हानिकारक होता है। तंबाकू के ज्यादा सेवन से मुंह, गले, फेफड़े, गुर्दे के कैंसर होने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
पहली बार 1988 में मनाया गया विश्व तंबाकू निषेध दिवस
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 1987 में तंबाकू निषेध दिवस मनाने का फैसला लिया। उस दौर में तंबाकू का सेवन करने से बहुत लोगों की मौत हो रही थी। मौतों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होने की वजह से अगले वर्ष यानी 1988 में पहली बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस अप्रैल माह में मनाया गया। हालांकि बाद में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मई माह में मनाया जाने लगा।
कब मनाया जाता है तंबाकू निषेध दिवस
बाद में प्रतिवर्ष यह दिन 31 मई को मनाया जाने लगा। 1988 में मई के आखिरी दिन विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाए जाने का एक प्रस्ताव पास हुआ। इसके बाद तंबाकू के सेवन को रोकने और इससे होने वाली समस्याओं से लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाने लगा।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2024 की थीम ( Anti-Tobacco Day Theme)
विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2024 का विषय या उसकी थीम “Protecting children from tobacco industry interference यानी तंबाकू उद्योग की दखल से बच्चों की रक्षा करना” है ताकि भविष्य की पीढ़ियों की रक्षा की जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि तंबाकू के इस्तेमाल में गिरावट जारी रहे। इस साल, तंबाकू उद्योग के युवाओं को टारगेट कर बनाए गए मार्केटिंग के तरीकों की चिंता बढ़ाने वाली प्रवृत्ति की ओर ध्यान दिया गया है।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महत्व (Importance of World No Tobacco Day)
विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महत्व दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। दुनिया भर में युवा तेजी से तंबाकू प्रोडक्ट्स के आकर्षण और संपर्क में आ रहे हैं। यह उनके स्वास्थ्य और समाज के कल्याण के लिए एक बड़ा खतरा है। दुनिया भर के सर्वेक्षण लगातार दिखा रहे हैं कि ज्यादातर देशों में 13-15 वर्ष की आयु के बच्चे तंबाकू और निकोटीन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।
तंबाकू के सेवन से होती है ये बीमारी तंबाकू का लगातार सेवन करने से फेफड़ों के कैंसर, मुंह का कैंसर ,गले का कैंसर ,जीभ का कैंसर, पेट का कैंसर, किडनी का कैंसर और अन्य कैंसर तंबाकू के कारण ही होते हैं। ई-सिगरेट या वैपिंग उतनी ही खतरनाक है जितना सिगरेट पीना।