केंद्र सरकार ने देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू कर दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का यह बड़ा कदम है। देश में कई जगहों पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है। साल 2019-20 में CAA के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिये हैं। सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी समेत कई शहरों में सुरक्षा बल तैनात कर दिया है। इस बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन बेरलवी ने सरकार के फैसला का स्वागत किया है। मौलाना शहाबुद्दीन बेरलवी ने CAA को देर से ही सही, लेकिन एक दुरूस्त फैसला करार दिया है।
CAA से मुसलमान की नागरिकता पर कोई असर नहीं
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष ने मुसलमानों से नहीं डरने की अपील की है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून से किसी भी मुसलमान की नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मौलाना ने CAA का स्वागत करते हुए कहा कि ‘’ये कानून बहुत पहले ही लागू हो जाना चाहिए था। खैर, देर आए, दुरुस्त आए।‘’
लोगों को CAA को लेकर गलतफहमियां
मौलाना शहाबुद्दीन बेरलवी ने कहा कि जो लोग डर रहे हैं या जिन लोगों को CAA को लेकर गलतफहमियां हैं, वे सभी बेबुनियादी हैं। नागरिकता संशोधन कानून का मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है। बरेलवी ने इस कानून की बारीकियों को समझाते हुए कहा कि पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर-मुसलमानों को नागरिकता प्रदान करने के लिए कोई कानून नहीं था, इन अल्पसंख्यकों को धर्म के आधार पर अत्याचार का सामना करना पड़ा था। लेकिन, अब CAA के लागू होने के बाद ऐसे गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिल सकेगी और उन्हें अत्याचार से मुक्ति भी मिल सकेगी।
भारत के हर मुसलमान को CAA का स्वागत करना चाहिए
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन बेरलवी ने कहा कि यह कानून देश के किसी भी मुस्लिम की नागरिकता नहीं छीनेगा। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में देखा गया कि कई विरोध प्रदर्शन हुए थे। कुछ राजनीतिक लोगों ने मुसलमानों के बीच गलतफहमियां पैदा कर दी थीं। बेरलवी ने कहा कि भारत के हर मुसलमान को नागरिकता संशोधन कानून का स्वागत करना चाहिए।