Monsoon news: मानसून ने भारत के कई राज्यों में दस्तक दे दिया है। इसके साथ ही नेपाल में हो रही बारिश का असर भी बूढ़ी गंडक और उसकी सहायक कई नेपाली नदियों पर साफ देखा जा सकता है। नेपाल में हो रही बारिश की वजह से यहां की नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। अगर जलस्तर ऐसे ही लगातार बढ़ता रहा तो इन नदियों के किनारे बसे गांव के लोगों की समस्याएं बढ़ सकती हैं। यहां बाढ़ का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।
बूढ़ी गंडक नदी के किनारे कई गांव बसे हुए हैं। इनमें सुगौली प्रखंड के निमुई, डुमरी टोला, लाल परसा, कैथवलिया और भवानीपुर सहित कई गांव शामिल हैं। इन गांवों को बाढ़ से बचाने वाले बांध सालों पहले टूट चुके हैं, जिनकी अब तक कोई मरम्मत नहीं कराई गई है। अगर बाढ़ का खतरा यहां मंडराता है तो यहां रहने वाले सैंकड़ों परिवार एनएच किनारे तम्बूओं में रहने को मजबूर हो जाएंगे
यहां रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि रिंग बांध कई साल पहले टूट चुका है। सरकार व प्रशासन ने अब तक रिंग बांध की मरम्मत नहीं कराई है। इस बात पर स्थानीय लोगों ने सरकार से नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया है कि बीते पांच सालों में सैकड़ों फीट बांध क्षतिग्रस्त हो चुका है, लेकिन प्रशासन मौन होकर बैठा हुआ है।
गांव वालों का कहना है कि नेता वोट के समय ही यहां नजर आते हैं और बाद में गायब हो जाते हैं।
बता दें, नदी का जलस्तर बढ़ते ही गांव में पानी घुसने लगता है। इसके बाद मजबूर होकर गांव वालों को बाल-बच्चे और मवेशी लेकर एनएच किनारे प्लास्टिक के तंबू में दिन गुजारने पड़ते हैं।