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International Yoga Day 2024: ये हैं भारत के महान योगगुरू, जिन्होंने बताया योग का इतिहास

योग की शुरूआत महर्षि पतंजलि ने ही की थी। इन्हें फादर ऑफ योग भी कहा जाता है। महर्षि पतंजलि ने योग के 195 सूत्रों को प्रतिपादित किया था। ये सूत्र ही योग का आधार हैं। उन्होंने अष्टांग योग के बारे में भी बताया, जिससे हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए जरूरी माना गया है।
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International Yoga Day 2024: दुनियाभर में आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। दुनिया को योग सिखाने का श्रेय भारत को ही दिया जाता है। भारत से योग का संबंध सालों पुराना है। आप ये भी कह सकते हैं कि भारतीय संस्कृति और वेदों में योग एक प्रमुख अंग माना जाता है। आज जब पूरी दुनिया योग के अहमियत को समझ रही है, तो इसका श्रेय भारत के योगगुरुओं को जाता है। ऐसी मान्यता है कि 5000 साल पुराने योग को आदियोगी शिव ने शुरू किया था। इसके बाद भारत के कई महान आचार्यों ने योग को जीवित रखा। आज हम आपको कुछ उन योग गुरूओं के बारे में बताएंगे जिन्होंने योग के महत्व को लोगों को बताने में खास भूमिका निभाई…

फादर ऑफ योग महर्षि पतंजलि
योग की शुरूआत महर्षि पतंजलि ने ही की थी। इन्हें फादर ऑफ योग भी कहा जाता है। महर्षि पतंजलि ने योग के 195 सूत्रों को प्रतिपादित किया था। ये सूत्र ही योग का आधार हैं। उन्होंने अष्टांग योग के बारे में भी बताया, जिससे हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए जरूरी माना गया है।

परमहंस योगानंद ने योग को देश और दुनिया में पहुंचाया
गुरु परमहंस योगानंद भारत के विशेष योगियों में से एक थे। उन्होंने ध्यान और क्रिया योग की शिक्षाओं को पश्चिमी देशों में फैलाया। उन्होंने ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी’ भी लिखी, जिसने लोगों को भारत के योग के इतिहास से परिचित भी कराया। भारतीय आध्यात्मिक परंपरा के महानतम योगियों में से एक परमहंस योगानंद की आत्मकथा ‘ऑटोबायोग्रफी ऑफ अ योगी’ 1946 में छपी थी। ये किताब काफी मशहूर हुई थी। उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में जन्में परमहंस का नाम मुकुंद लाल घोष रखा गया था। एक बंगाली परिवार में रहते हुए वो बचपन से ही आध्यात्म के क्षेत्र में जुड़ गए थे।

आधुनिक योग के पिता तिरुमलाई कृष्णामाचार्य
टी. कृष्ममाचार्य को आधुनिक योग का पिता कहा जाता है। वो बहुत बड़े आयुर्वेदिक विद्वान, एक योग शिक्षक और चिकित्सक थे। जिन्होंने सांस और गति को पारंपरिक कला को पुनर्जीवित किया था। इनका जन्म 18 नवंबर 1888 में हुआ था। उनकी शिक्षण शैली पतंजलि योग सूत्र पर आधारित थी और उनके शिष्य बाद में प्रभावशाली योग शिक्षक बने।

स्वामी विवेकानंद ने समझाया योग का महत्व
स्वामी विवेकानंद के बारे में पूरी दुनिया जानती है, जिन्होंने भारत सहित पूरी दुनिया में योग के महत्व को समझाने का कार्य किया है। योग की अनेक धाराएं होती हैं, जिसमें मंत्रयोग, हठयोग, लययोग और राजयोग को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। योग की इन विशेष परंपराओं को स्वामी विवेकानंद ने दुनिया के सामने रखा। उन्होंने ही राजयोग, कर्मयोग, ज्ञानयोग, भक्तियोग जैसी पद्धतियों के द्वारा युवाओं को अध्यात्म के प्रति जागरूक किया और योग से जोड़ा।

बाबा रामदेव ने योग का किया प्रचार-प्रसार
योग गुरू बाबा रामदेव ने नई जनरेशन में योग के महत्व को बढ़ाया है। योग को लोगों की जिंदगी में जोड़ने में योग गुरू बाबा रामदेव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी वह योग की बड़ी-बड़ी सभाएं करते हैं। उनकी सभाओं में देश-विदेश की कई बड़ी हस्तियां शामिल हो चुकी हैं। मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भी योगगुरू रामदेव से योग सीखा है।


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