एक जुलाई 2024 से अपराधिक कानून में एक बड़ा बदलाव होने वाला है। अब से भारतीय दंड संहिता IPC के तहत कार्रवाई नहीं होगी बल्कि भारतीय न्याय संहिता BNS के तहत मुकदमे दर्ज किए जाएंगे। आईपीसी में 511 धाराएं थी लेकिन बीएनएस में 358 धाराएं होंगी। नए कानून में धाराओं का क्रम बदल जाएगा। एक जुलाई से हत्या की धारा 302 नहीं 103 कहलाएगी।
वहीं, दंड प्रक्रिया संहिता यानी CRPC अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के नाम से जाना जाएगा। सीआरपीसी में 484 धाराएं थी नए कानून के तहत अब इसमें 531 धाराएं होंगी। साथ ही भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के नाम से जाना जाएगा। पुराना साक्ष्य अधिनियम में 167 प्रावधान थे लेकिन नए साक्ष्य अधिनियम में 169 प्रावधान हो गए हैं। अब डिजिटल साक्ष्यों की महत्ता बढ़ा दी गई है।
ये बदली हुई कुछ मुख्य धाराएं
हत्या- 302, 103
हत्या का प्रयास- 307, 109
गैर इरादतन हत्या- 304(ए), 106
दहेज हत्या- 304(बी), 80
डकैती- 395, 310(3)
लूट- 392, 309(4)
दुष्कर्म- 376, 64
चोरी- 380, 305
उच्च अधिकारियों के निर्देश पर नए कानून के प्रति पुलिस और आमजनों को जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए सेमिनार आयोजित किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं सरकारी कार्यालयों में भी कर्मचारी नए कानून के बारे में लोगों को बता रहे हैं, क्योंकि एक जुलाई से पूरे देश में नया कानून लागू किया जाएगा। यह कानून पहले से मजबूत है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस कानून में पीड़ित को समय रहते न्याय मिलेगा।