Ratan Tata: मशहूर बिजनेसमैन रतन टाटा का 9 अक्टूबर की रात को निधन हो गया। उत्तराखंड से भी उनका खास रिश्ता था। यहीं पर उन्होंने सबसे पहले नैनो कार का उत्पादन शुरू कराया था। इसके अलावा, उन्होंने उत्तराखंड को लेकर एक सपना देखा था, जो अधूरा ही रह गया। वह सपना क्या था, आइए जानते हैं…
ऊधमसिंहनगर को इलेक्ट्रॉनिक हब बनाना चाहते थे टाटा
रतन टाटा ऊधम सिंह नगर जिले को इलेक्ट्रॉनिक हब बनाना चाहते थे, लेकिन उनकी यह ख्वाहिश अधूरी ही रह गई। हालांकि, केंद्र सरकार ने इसी साल जिले में टाटा की इलेक्ट्रॉनिक सिटी का एलान किया था।
सीएम धामी ने व्यक्त किया शोक (Ratan Tata)
रतन टाटा के निधन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शोक व्यक्त किया है। सीएम धामी ने कहा कि टाटा ने देश की औद्योगिक प्रगति और सामाजिक विकास के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने न सिर्फ टाटा समूह को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, बल्कि राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि रतन टाटा का उत्तराखंड से आत्मीय लगाव था। नैनो कार की लॉन्चिंग और इसके उत्पादन के सिलसिले में उनका उत्तराखंड आना जाना लगा रहता था।
9 नवंबर 2010 को देहरादून आए थे टाटा
निशंक ने कहा कि रतन टाटा 9 नवंबर 2010 को उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर देहरादून आए थे। उनकी योग, ध्यान, साहित्य, कला और संगीत में काफी रुचि थी।