Rajnath Singh Become Union Minister: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में NDA की जीत के बाद नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। रविवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी के अलावा राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा और शिवराज सिंह चौहान समेत 30 सांसदों ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। बता दें, राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) लखनऊ लोकसभा सीट (Lucknow Lok Sabha Seat) से तीसरी बार जीत हासिल करके केन्द्रीय मंत्री बने हैं। उन्होंने यहां से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रविदास मेहरोत्रा को 1,35,159 वोटों से हराकर जीत हासिल की है। रविदास मेहरोत्रा को 4,77,550 वोट, जबकि राजनाथ सिंह को 6,12,709 वोट प्राप्त हुए। इससे पहले भी राजनाथ सिंह 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं।
13 साल की उम्र से ही RSS से जुड़े हैं राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई 1951 को वाराणसी जिले के एक छोटे से गांव भाभोरा के एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम राम बदन सिंह और माता का नाम गुजराती देवी था। उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में भौतिक शास्त्र में आचार्य की उपाधि हासिल की। वे महज 13 साल की उम्र में RSS से जुड़ गए। बता दें, राजनाथ सिंह साल 1964 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए हैं। वह 1972 में आरएसएस की मिर्जापुर शाखा के महासचिव बने। इसके बाद 1974 में उन्होंने राजनीति में पहला कदम रखा और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 1974 में, उन्हें भाजपा के पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ की मिर्जापुर इकाई के लिए सचिव नियुक्त किया गया।
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जब दो साल के लिए जाना पड़ा था जेल
राजनाथ सिंह के जीवन में वो दौर भी आया, जब उन्हें दो साल के लिए जेल जाना पड़ा था। साल 1975 में, 24 वर्ष की उम्र में उनको जनसंघ का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 1977 में, जब वह मिर्जापुर से विधान सभा के सदस्य चुने गए। उस दौरान वह जयप्रकाश नारायण के जेपी आंदोलन से काफी प्रभावित थे। साल 1975 में जेपी मूवमेंट के साथ जुड़ने के लिए राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में उन्हें 2 साल के लिए गिरफ्तार किया गया था, जब उन्हें रिहा किया गया था, तब उन्हें विधानसभा के सदस्य के रूप में फिर से चुना गया था।
अटल बिहारी वाजपेयी के करीब थे राजनाथ सिंह
1991 में, जब उत्तर प्रदेश में पहली बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी, तो राजनाथ सिंह को शिक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। वह दो साल के कार्यकाल के लिए मंत्री बने रहे। साल 2000 में, वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और 2001 और 2002 में हैदरगढ़ से दो बार विधायक चुने गए। वह उस समय अटल बिहारी वाजपेयी के बहुत करीब थे और राज्य के लोगों के बीच उनकी बहुत साफ छवि थी।
दो बार रहे भाजपा अध्यक्ष
राजनाथ सिंह दो बार पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। राजनाथ सिंह पहली बार 31 दिसंबर, 2005 को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। दूसरी बार जनवरी 23, 2013 से जुलाई 09, 2014 तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। पार्टी की शानदार जीत के बाद उन्होंने गृह मंत्री का पद संभालने के लिए पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव लखनऊ सीट से लड़ा था और जीतकर संसद पहुंचे।
पीएम मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार बने केंद्रीय मंत्री
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 26 मई, 2014 को राजनाथ सिंह ने केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ली। दूसरी बार मोदी सरकार में 30 मई, 2019 को राजनाथ सिंह ने केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ली। 1 जून 2019 को उन्होंने रक्षा मंत्री का कार्यभार संभाला। एक बार फिर पीएम मोदी के नेतृत्व में 9 जून 2024 को राजनाथ सिंह ने केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ली।