केंद्र में जब से मोदी सरकार ने कामकाज संभाला है, उसके भविष्य को लेकर सवाल खड़े किये जा रहे हैं। विपक्षी लगातार सरकार के जल्द से जल्द जाने का दावा कर रहे हैं। इस बीच राहुल गांधी ने विदेशी मीडिया के सामने एक बहुत बड़ा दावा कर दिया है। राहुल गांधी ने चुनावी नतीजों पर बात करते हुए कहा कि बीजेपी की सीटों की संख्या इतनी कम है कि स्थिति बहुत नाजुक है। छोटी सी गड़बड़ी सरकार को गिरा सकती है। बस एक सहयोगी को दूसरी तरफ मुड़ना है। राहुल गांधी का दावा है कि पीएम मोदी के खेमे में बहुत असंतोष है और उनके यहां ऐसे लोग हैं, जो हमारे संपर्क में हैं।
एक तरफ जहां राहुल गांधी सरकार के भविष्य को लेकर सवाल खड़े कर रहे थे, तो वहीं दूसरी तरफ चुनाव नतीजों को लेकर अपनी शेखी भी बघार रहे थे। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों पर बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा है कि अप्रत्याशित चुनाव परिणाम के बाद भारतीय रानीतिक परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने दावा किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए बड़ा संघर्ष करना पड़ेगा। भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में जगह खाली हो गई है। भारतीय राजनीति में एक बड़ा बदलाव हुआ है।
इतना ही नहीं राहुल गांधी ने BJP की मानसिकता पर भी सवाल उठाए हैं। राहुल ने कहा है कि बीजेपी को लगा कि वो नफरत फैला सकते हैं, गुस्सा फैला सकते हैं और इसका फायदा उठा सकते हैं। लेकिन भारत के लोगों ने इस चुनाव में इसे खारिज कर दिया है। यही कारण है कि केंद्रीय गठबंधन संघर्ष करेगा क्योंकि 2014 और 2019 में पीएम मोदी के लिए जिस चीज ने काम किया, वो अब काम नहीं कर रहा है।
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राहुल ने NDA सरकार पर निशाना तो साधा ही है। साथ ही साथ लोकसभा चुनाव में INDIA के पक्ष में आए परिणाम पर प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी गठबंधन INDIA से जुड़े चुनावी नतीजों पर बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, इस चुनाव में सफल होने वाले बहुत से विचार भारत जोड़ो यात्रा से आए थे। वो हमसे नहीं, बल्कि भारत के लोगों से आए थे। पीएम मोदी का विचार और उनकी छवि खत्म हो चुकी है। जिस पार्टी ने पिछले 10 साल अयोध्या के बारे में बात करने में बिताए, उसका अयोध्या में सफाया हो गया है।
तस्वीर साफ है राहुल गांधी संकेत दे रहे हैं कि NDA के अंदर हलचल है और जिस तरीके से पहले मंत्रिमंडल में विभागों के बंटबारे को लेकर और फिर स्पीकर पद को लेकर NDA के सहयोगियों, खासकर चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली TDP और नीतीश कुमार की अगुवाई वाली JDU के खेमे से जुड़े तमाम दावे सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन रहे हैं। वो भी राहुल गांधी के बयान का आधार माना जा रहा है।
हालांकि NDA सरकार में नए मंत्रिमंडल में विभागों का बंटबारा तो सूझबूझ के साथ हो गया है और स्पीकर पद पर भी सहयोगियों के साथ कॉर्डिनेशन बैठाकर रणनीति बनाई जा रही है। उसके सहारे सत्ता पक्ष भी संकेत दे रहा है कि वो गठबंधन धर्म के सहारे बहुमत को साधने में सफल रहेंगे। लेकिन राहुल का दावा गंभीर है और हर कोई जानता है कि BJP निजी तौर पर बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई है। ऐसे हालात में चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार ही किंगमेकर की भूमिका में हैं। अगर वो किसी भी हालत में इधर से उधर हुए, तो राहुल गांधी के दावे हकीकत में तब्दील हो सकते हैं।