Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। कथित शराब घोटाला मामले में देश के सबसे बड़ी अदालत ने उन्हें 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी है। कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में 21 मार्च को केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार किया था। ऐसे में अब ये देखना काफी दिलचस्प होगा कि आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए किस तरह की रणनीति अपनाती है।
SC से मिली अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत
अक्सर बीजेपी पर आक्रामक रुख रखने वाले केजरीवाल (Arvind Kejriwal) जेल से बाहर आने के बाद भारतीय जनता पार्टी पर किस तरह निशाना साधने वाले हैं। हालांकि, दिल्ली लोकसभा चुनाव सीट पर अब तक एक बार भी को ‘आप’ को जीत हासिल नहीं हुई है। मगर पार्टी चुनाव प्रचार में किसी भी तरह की कमी नहीं छोड़ती हैं।
शीला दीक्षित को दी मात, CM बने केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं। उन्हें अक्सर अपने बीजेपी पर निशाना साधते हुए देखा जाता है। केजरीवाल के राजनीति सफर की बात करे तो उन्होंने साल 2012 में आम आदमी पार्टी (आप) का गठन किया था। इसके बाद साल 2013 में उन्होंने शीला दीक्षित के खिलाफ दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ा,जिसमें उन्होंने 25 हजार से अधिक वोटों से शीला दीक्षित को मात दी और दिल्ली में अपनी सरकार बनाई।
मोदी के खिलाफ लड़ा था 2014 का लोकसभा चुनाव
हालांकि, सीएम बनने के 49 दिन बाद ही केजरीवाल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। अक्सर अपने भाषणों में बीजेपी की जिक्र करते नजर आने वाले अरविंद केजरीवाल ने वाराणसी सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ साल 2014 का लोक सभा चुनाव लड़ा था, लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। नरेंद्र मोदी ने उन्हें 2.7 लाख वोटों से उन्हें मात दी थी।
मोदी के खिलाफ अक्सर बिगड़े केजरीवाल के बोल
इसके बाद फिर केजरीवाल ने 2015 विधानसभा चुनाव लड़ा और दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में 67 पर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। गौरतलब है कि अक्सर केजरीवाल को प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए देखा गया है। ऐसे में अब जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल मोदी और बीजेपी के खिलाफ कैसा रुख अपनाते हैं इसका हर किसी को इंतजार है।