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चौथी बार सरकार बने या नहीं, लेकिन यह तो तय है… नितिन गडकरी का किस ओर है इशारा?

महाराष्ट्र के नागपुर में हुए एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि इस बात की गारंटी नहीं है कि हमारी सरकार चौथी बार लौटेगी, लेकिन यह निश्चित है कि...
Nitin Gadkari

Nitin Gadkari: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मजाकिया अंदाज ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। रविवार को नितिन गडकरी ने अपने कैबिनेट सहयोगी रामदास अठावले को कई सरकारों में अपनी कैबिनेट की जगह बनाए रखने की उनकी क्षमता पर उन्हें चिढ़ाते नजर आए।

महाराष्ट्र के नागपुर में हुए एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि इस बात की गारंटी नहीं है कि हमारी सरकार चौथी बार लौटेगी, लेकिन यह निश्चित है कि रामदास अठावले मंत्री बनेंगे। इसके बाद उन्होंने यह स्पस्ट कहा कि वो केवल मजाक कर रहे थे।

अठावले रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के नेता हैं और वो तीन बार मंत्री रह चुके हैं। अठावले की पार्टी महायुति गठबंधन का हिस्सा है। इसमें बीजेपी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार की राकांपा भी शामिल हैं।

रविवार को अठावले ने कहा कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति सरकार में सहयोगी उनकी पार्टी आरपीआई (ए) को आगामी विधानसभा चुनावों में कम से कम 10 से 12 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नागपुर में अठावले ने कहा कि आरपीआई-ए अपने पार्टी चिन्ह पर चुनाव लड़ेगी और विदर्भ में तीन से चार सीटें मांगेगी, जिनमें उमरेड (नागपुर), उत्तर नागपुर, वाशिम और यवतमाल में उमरखेड़ शामिल हैं।

यह भी पढ़ें- ‘किसी का भी फर्जी एनकाउंटर नाइंसाफी…’, अनुज प्रताप सिंह के एनकाउंटर पर अखिलेश यादव ने दी प्रतिक्रिया

इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा, ”आरपीआई-ए ने 18 संभावित सीटों की लिस्ट बनाई है, जिसे वह कुछ दिनों में महायुति सहयोगियों के साथ साझा करेगी और सीट बंटवारे के समझौते में उसे कम से कम 10 से 12 सीटें मिलने की उम्मीद है।” उन्होंने कहा कि भाजपा, शिवसेना और एनसीपी को अपने कोटे से उनकी पार्टी के लिए चार-चार सीटें देनी चाहिए।

हाल ही में अठावले ने पालघर में दावा किया था कि अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को महायुति सरकार में शामिल करने के कारण वादे के बावजूद भी आरपीआई (ए) को हमारे राज्य में कोई मंत्री पद नहीं मिल पाया।

अठावले ने दावा किया कि पार्टी को कैबिनेट पद, जिला स्तरीय और दो निगमों की अध्यक्षता समितियों में भूमिका देने का वादा किया गया था, लेकिन पवार के शामिल होने की वजह से यह सब नहीं हो पाया।


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