History of MDH: एमडीएच (महशियान दी हटी) भारत की एक प्रसिद्ध मसाला कंपनी है, जिसकी स्थापना 1959 में धर्मपाल गुलाटी ने की थी। धर्मपाल गुलाटी का जन्म 1923 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। भारत के विभाजन के समय, उनका परिवार दिल्ली आ गया। दिल्ली में उन्होंने सबसे पहले तांगा चलाया और बाद में मसालों का छोटा सा व्यापार शुरू कर दिया था। फिर कुछ दिन बाद धर्मपाल गुलाटी ने 1959 में महशियान दी हटी (MDH) के नाम से खुद की एक मसाले की दुकान खोली।
कौन थे धर्मपाल सिंह गुलाटी
धर्मपाल सिंह गुलाटी ने छोटी सी कंपनी को धीरे-धीरे बड़ा रूप देना शुरू कर दिया। धर्मपाल सिंह अपने उच्च गुणवत्ता और शुद्धता वाले मसालों के लिए जाने जाते थे। साथ ही कंपनी ने अपने मसालों की शुद्धता से हमेशा अपने ग्राहको का भरोसा जीतने का सक्षम रहा। MDH के मसाले अपनी विशिष्ट लाल और पीली पैकेजिंग के लिए जाने जाते थे। एमडीएच ने विज्ञापन के लिए टेलीविजन विज्ञापन और प्रिंट मीडिया का प्रयोग किया।
MDH भारत की सबसे बड़ी मसाला कंपनियों में से एक
आज MDH भारत की सबसे बड़ी मसाला कंपनियों में से एक है। इसके उत्पाद भारत और दुनिया भर के 160 से अधिक देशों में बेचे जाते हैं। कंपनी ने कई पुरस्कार और सम्मान जीते हैं, जिनमें भारत सरकार का सर्वोच्च नागरिक सम्मान एवं पद्म भूषण भी शामिल है।
धर्मपाल गुलाटी को कहा जाता था “मसाला किंग”
धर्मपाल गुलाटी का 3 दिसंबर 2020 को निधन हो गया। उन्हें “मसाला किंग” के रूप में भी जाना जाता था। 16 मार्च 2019 को भारत के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने व्यापार और उद्योग के लिए पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था। उनकी मृत्यु के बाद बेटे राजीव गुलाटी को कंपनी का अध्यक्ष बना दिया गया था। MDH ब्रांड का नया चेहरा बन गए। MDH एक मसाला कंपनी के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और विरासत का भी प्रतीक है।
MDH का पहला उत्पाद हल्दी पाउडर
बता दें कि MDH का पहला उत्पाद हल्दी पाउडर था। कंपनी का नाम महशियान दी हटी रखा गया था, जिसका अर्थ था “मसालों की दुकान”। MDH का पहचान चिन्ह मसाला दादा थे, जो धर्मपाल गुलाटी का ही एक कार्टून रूप था।
वर्तमान में MDH के पास 62 उत्पादों है जो 150 से अधिक विभिन्न पैकिंग में उपलब्ध हैं। इनमें पिसे हुए और मिश्रित मसाले शामिल हैं। MDH केसर जैसे अन्य उत्पाद भी बेचता है।
MDH के संस्थापक धर्मपाल गुलाटी ने 20 से अधिक स्कूल खोले थे। उन्होंने नवंबर 1975 सुभाष नगर में 10 बिस्तरों वाला नेत्र अस्पताल शुरू किया था। बाद में जनवरी 1984 में अपनी दिवंगत मां माता चानन देवी की स्मृति पर नई दिल्ली के जनकपुरी में 20 बिस्तरों वाला अस्पताल भी स्थापित किया था।
बता दें, सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग में भारतीय मसाला कंपनी एमडीएच और एवरेस्ट के चार मसालों पर बैन लगा दिया है। ये बैन मसालों में स्वीकार्य सीमा से अधिक कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड पाए जाने के दावे के बाद लगाया गया है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर किसी भी कंपनी की ओर से इस मामले पर अभी तक कोई बयान नहीं आया है।