Lok Sabha Election 2024 Exit Poll: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान खत्म होते ही, एक जून की शाम को एग्जिट पोल जारी होंगे। मतदान के परिणाम का अनुमान एग्जिट पोल से लगाया जा सकता है। हालांकि, ये कितने सटीक होंगे, इसका पता परिणाम वाले दिन ही लगेगा। आज हम आपको एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल से जुड़ी कुछ अहम बातें बताने जा रहे हैं…
क्या होता है एग्जिट पोल?
एग्जिट पोल एक तरह का चुनावी सर्वे होता है। वोटिंग के दिन एग्जिट पोल और न्यूज चैनल वाले मतदान केंद्रों पर मौजूद रहते हैं। वे मतदान केंद्र पर मौजूद वोटर्स से मतदान से जुड़े सवाल पूछते हैं। इसके बाद लोगों द्वारा दिए जवाबों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाती है। इस रिपोर्ट से मिले डाटा के मुताबिक, मतदाताओं के रुझान का पता लगाया जाता है।
मतदान के बाद ही जारी होता है एग्जिट पोल
एग्जिट पोल को अंतिम चरण के मतदान खत्म होने के आधे घंटे बाद जारी किया जाता है। ऐसा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 126 ए के तहत किया जाता है। इस नियम का उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान है। अगर कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है तो दो साल सजा, जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं।
कब बनी थी गाइडलाइंस?
भारत निर्वाचन आयोग ने साल 1998 में पहली बार एग्जिट पोल की गाइडलाइंस जारी की थी। साल 2010 में छह राष्ट्रीय और 18 क्षेत्रीय दलों के समर्थन के बाद मतदान के दौरान एग्जिट पोल जारी करने पर रोक लगाई गई थी। ऐसा धारा 126 ए के तहत किया गया था। साथ ही आयोग ने ओपिनियन और एग्जिट पोल करते समय सर्वे एजेंसी का नाम और मतदाताओं से पूछे गए सवालों का विवरण देने का भी निर्देश है।
क्या होते हैं ओपिनियन पोल?
एग्जिट पोल की तरह ही ओपिनियन पोल भी एक चुनावी सर्वे होता है, लेकिन एग्जिट पोल से विपरीत इसे चुनाव से पहले किया जाता है। इसमें मतदाता होने की शर्त अनिवार्य नहीं है। इस सर्वे में हर कोई भाग ले सकता है। ओपिनियन पोल में लोगों से राजनीतिक मुद्दों पर सवाल पूछकर जनता की रुचि किस पार्टी की तरफ है, इसका अंदाजा लगाया जाता है।