Wooden Toy Making Industry In Varanasi: लकड़ी के खिलौने बनाने वाला उद्योग, जो कभी पतन के कगार पर खड़ा था, आज वाराणसी में लगभग 45 करोड़ रुपये के वार्षिक कारोबार के साथ आगे बढ़ रहा है। इस उद्योग के जरिए जिले के कई लोगों को रोजगार मिला है, जिसमें युवा, बुजुर्ग महिलाएं आदि शामिल हैं। यह उद्योग अपने खूबसूरती से तैयार किए गए खिलौनों और सजावटी वस्तुओं से दुनिया भर के घरों को समृद्ध कर रहा है।
कला के क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित गोदावरी सिंह, जो कि खिलौने बनाने वाली इंडस्ट्री के निर्माता हैं, उन्होंने बताया कि यह इंडस्ट्री हजारों कारीगरों के लिए रोजगार का एक मुख्य स्रोत है। प्रधानमंत्री मोदी के हस्तक्षेप के बाद से उद्योग ने निरंतर विकास किया है, जिसे वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना जैसी पहलों से बल मिला है।
विदेशों तक हो रहा निर्यात
लकड़ी के खिलौने बनाने वाली इंडस्ट्री में तीन मुख्य प्रकार के कामों को शामिल किया गया है, जिसमें लकड़ी की नक्काशी, मूर्तिकला और सामान्य लकड़ी का काम शामिल है। गोदावरी सिंह ने आगे बताया कि इस उद्योग से करीब हजारों लोग जुड़े हैं। इसका प्रचार-प्रसार बढ़ा है, बिक्री बढ़ी है और इस कारोबार का टर्नओवर साल में करीब 40 करोड़ रुपये है। इनका निर्यात न केवल भारत में, बल्कि कनाडा, फ्रांस, अमेरिका और जापान के बाजारों तक हो रहा है।
वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा
गोदावरी सिंह ने आगे बताया कि सरकार ने वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने का काम किया है और इसके लिए सरकार मुद्रा लोन और ओडीओपी भी दे रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से यही मांग है कि हमें लकड़ी सही तरीके से मिले और हमें बिजली भी उसी दर पर मिले, जो बुनकरों को दी जाती है, जिससे हमारे लिए अपना कारोबार बढ़ाना आसान हो जाएगा।
‘मोदी सरकार से बेहतर कोई सरकार नहीं’
वहीं, मोदी सरकार के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए खिलौना बनाने वाली इंडस्ट्री के निर्माता गोदावरी सिंह ने कहा कि हमारा मानना है कि हर व्यक्ति को वोट देना चाहिए और हर किसी को वोट देना चाहिए, देश में एक ईमानदार सरकार होनी चाहिए और मोदी सरकार से बेहतर कोई नहीं हो सकता।
बता दें, वाराणसी के कश्मीरी गंज में हजारों कारीगर लकड़ी के खिलौने, मूर्तियां और सजावटी सामान बनाने में लगे हैं, जिनकी स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी कीमत है। उद्योग को बढ़ावा मुख्य रूप से मोदी सरकार की पहलों जैसे जीआई टैग और ऑनलाइन ओडीओपी बाजार को बढ़ावा देने के कारण हुआ है।