ईरान और इजरायल के बीच इस समय तनाव चरम पर पहुंच गया है। दोनों देशों के बीच सीधी झड़प शुरू हो चुकी है। ईरान ने इजरायली क्षेत्र पर अपने पहले सीधे हमले में इजरायल पर सैकड़ों मिसाइलें और ड्रोन लॉन्च किए हैं। इस हमले में इजरायली सैन्य सुविधा को मामूली नुकसान पहुंचा है।
ईरान ने यहूदी देश पर पर सैकड़ों हवाई ड्रोन और मिसाइलें लॉन्च की और इजरायली सेना के मुताबिक 300 से अधिक क्रूज मिसाइलों और ड्रोनों को रोका है, जिनमें से ज्यादातर इजरायली हवाई क्षेत्र के बाहर हैं।
इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बताया कि इन मिसाइलों को खत्म करने में उन्होंने इजरायल की मदद की है। उन्होंने इस हमले की कड़ी निंदा की है। शनिवार देर रात हुए हमले ने इजराइल को हाई अलर्ट पर कर दिया है।
इजरायली सेना ने बताया है कि ये हमला ईरान के अलावा इराक और यमन से भी लॉन्च किया गया है। ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने शुक्रवार को इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि उसने “ट्रू प्रॉमिस” ऑपरेशन के तहत ड्रोन और मिसाइलों को दागा है। IRGC ने कहा कि यह हमला सीरिया में 1 अप्रैल को ईरानी वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाने की सजा है जो इजरायल को दी जा रही है।
बता दें, दमिश्क में उस हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के दो सीनियर जनरलों सहित 12 लोग मारे गए थे। इसके बाद ईरान ने इस हमले का बदला लेने की कसम खाई थी। इजरायल ने तब ना तो ये कहा था कि उसने ये हमला किया है और ना ही इस बात का खंडन किया था।
ताजा घटनाक्रम पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक युद्ध कैबिनेट बैठक बुलाई है और बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से भी बात की है। अमेरिका ने इस मौजूदा हालातों में इजरायल की सुरक्षा के प्रति अपने पुराने कमिटमेंट को दोहराया है।