श्रेष्ठ उत्तर प्रदेश (Shresth UP) | Hindi News

Follow us

Follow us

Our sites:

|  Follow us on

भारत ने शेख हसीना को पहले भी दी शरण, पिता की हत्या के बाद गुजारे थे 6 साल

Sheikh Hasina: शेख हसीना अगर लंदन न जाकर भारत में रुकती हैं तो ये दूसरी बार होगा, जब भारत उन्हें शरण देगा। इससे पहले भी भारत ने शेख हसीना को पनाह देने का काम किया था। इंदिरा गांधी ने शेख हसीना की मदद की थी। बांग्लादेश में उनके पिता शेख मुजीबुर की हत्या कर तख्तापलट कर दिया गया था।
Sheikh Hasina | Bangladesh violence | Shresth Uttar Pradesh |

Sheikh Hasina: बांग्लादेश में हिंसा ने घातक रूप ले लिया है। इस हिंसा में अब तक 300 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं। इसी बीच पीएम शेख हसीना ने पीएम के पद से इस्तीफा दे दिया और देश में तख्तापलट हो गया है। पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद हसीना भारत आई हैं। यहां से वो लंदन जाने वाली हैं।

शेख हसीना अगर लंदन न जाकर भारत में रुकती हैं तो ये दूसरी बार होगा, जब भारत उन्हें शरण देगा। इससे पहले भी भारत ने शेख हसीना को पनाह देने का काम किया था। इंदिरा गांधी ने शेख हसीना की मदद की थी। बांग्लादेश में उनके पिता शेख मुजीबुर की हत्या कर तख्तापलट कर दिया गया था।

इंदिरा गांधी ने की थी मदद

15 अगस्त 1975 को शेख हसीना के पिता मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया था। तब शेख हसीना, उनके पति डॉक्टर वाजेद और बहन रेहाना ब्रसेल्स में बांग्लादेश के राजदूत सनाउल हक के यहां थे। तभी राजदूत हुमांयु रशीद चौधरी ने बताया कि बांग्लादेश में सैनिक विद्रोह हो गया है। उनके पिता शेख मुजीबर की हत्या कर दी गई है।

24 अगस्त 1975 को भारत आईं थी Sheikh Hasina

इसके बाद हुमांयु रशीद चौधरी ने भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से शेख हसीना को शरण देने के लिए बात की। बता दें कि उस वक्त भारत में आपातकाल लगा हुआ था। इसके बाद 24 अगस्त 1975 को एयर इंडिया की फ्लाइट से शेख हसीना और उनका परिवार दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पहुंचा था। 4 सितंबर को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से उन्होंने प्रधानमंत्री निवास में मुलाकात की थी।

बांग्लादेश में भड़की हिंसा, सत्ता छोड़ने पर मजबूर हुईं हसीना, क्या है सैकड़ों लोगों की मौत की वजह

इस मुलाकात के कुछ दिन बाद शेख हसीना (Sheikh Hasina) को इंडिया गेट के नजदीक पंडारा पार्क के सी ब्लॉक में एक फ्लैट में रखा गया था। फिर 1 अक्टूबर 1975 को शेख हसीना के पति डॉक्टर वाजेद को परमाणु ऊर्जा विभाग में फेलोशिप भी दी गई थी।

6 साल तक भारत ने दी थी पनाह

फिर इंदिरा गांधी की सरकार जाने के बाद हसीना को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उनपर दबाव डाला जाने लगा था कि वो खुद ही भारत छोड़ कर चली जाएं। पहले उनका बिजली का भुगतान रोका गया। फिर उनको दी जा रही वाहन की सुविधा को भी वापस ले लिया गया। हालांकि, 1980 में एक बार फिर इंदिरा गांधी सरकार में आ गई। इसके बाद शेख हसीना को कोई परेशानी नहीं हुई। भारत में लगभग 6 साल रहने के बाद 17 मई 1981 को शेख हसीना (Sheikh Hasina) अपनी बेटी के साथ ढाका चली गई।


संबंधित खबरें

वीडियो

Latest Hindi NEWS

uppsc protest
बैरिकेडिंग तोड़ UPPSC मुख्यालय में घुसे छात्र, डीएम और कमिश्नर भी मौजूद
IND vs SA 3rd T20
IND vs SA: भारत ने अफ्रीका को 11 रनों से दी मात, तिलक ने लगाया शानदार शतक
South Africa vs India 3rd T20
IND vs SA: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीसरा टी20 मैच आज, जानें पिच रिपोर्ट
Supreme Court Issues Guidelines To Bulldozer Justice | executive and judiciary | Shresth uttar Pradesh |
सुप्रीम कोर्ट ने 'बुलडोजर न्याय' पर अंकुश लगाने के लिए जारी किए दिशा-निर्देश
Indecency with elderly woman in Air India flight | Shresth uttar Pradesh |
Air India की फ्लाइट में महिला के साथ अभद्रता, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को लिखा पत्र
Fatehpur Road Accident | Shresth uttar Pradesh |
कानपुर-प्रयागराज हाईवे पर बारातियों से भरी बस ट्रेलर से टकराई, हादसे में 3 की मौत; 10 घायल