कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की भतीजी और सपा नेता मारिया आलम ने ‘वोट जिहाद’ का बयान दिया था, जिसके बाद राजनीति गर्मा गई। इसी बीच अब सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने मारिया के बयान का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि ‘कभी-कभी चुनाव में प्रचार के दौरान किसी भाव की वजह से, बोलत-बोलते जनता में उत्साह पैदा करने के लिए कठोर शब्द इस्तेमाल हो जाते हैं। मारिया आलम के कहने का भाव वो नहीं था। बल्कि, उनका भाव ये रहा होगा कि ज्यादा से ज्यादा वोट डालें।’
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, समाजवादी पार्टी की नेता मारिया आलम ने सोमवार को फर्रुखाबाद में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि- मुसलमानों के सामने मौजूदा हालात में ‘वोट जिहाद’ जरूरी है। अगर हम एक नहीं हुए, तो समझ लेना यहां से नामोनिशान मिट जाएगा। संघी सरकार हमें मिटाने की कोशिश कर रही है। मुझे बहुत शर्म आई, जब मैंने ये सुना कि कुछ मुसलमानों ने यहां बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत की मीटिंग आयोजित की। ऐसे लोगों का तो हुक्का-पानी बंद कर देना चाहिए।
मारिया ने आगे कहा था कि- आज सभी लोग कह रहे हैं कि संविधान और लोकतंत्र खतरे में है। लेकिन सच्चाई ये है कि इंसानियत खतरे में है। मौजूदा स्थिति को समझे तो इंसानों पर जानलेवा हमले हो रहे हैं। ऐसे में अगर आप सभी अपने मुल्क की खूबसूरती को बचाना चाहते हो तो इस बार बहुत होश से वोट दो। न की किसी के बहकावे में आकर।
बता दें, फर्रुखाबाद में मारिया आलम सपा की महिला विंग की जिला उपाध्यक्ष हैं। मारिया अपने चाचा सलमान खुर्शीद के साथ भी बैठक और चुनावी जनसभाओं में जाती रहती हैं। इसी के चलते उन्होंने सोमवार को फर्रुखाबाद से सपा प्रत्याशी डॉ. नवल किशोर शाक्य के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित किया था।