Brother Married With His Sister: महाराजगंज जनपद में हैरान करने वाला एक मामला सामने आया है। यहां एक भाई ने अपनी सगी बहन के साथ ही सात फेरे ले लिए। इतना ही नहीं, वह बहन खुद भी पहले से शादीशुदा थी। ये सब काम मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हुआ। इस योजना के तहत जो अनुदान दिया जाता है, सारा लालच इसी पैसे के लिए था।
तार-तार हुए रिश्तों की मर्यादा
कुछ रुपये के लिए रिश्तों की मर्यादा को तार-तार करने का मामला सामने आते ही हड़कंप मच गया है। सामूहिक विवाह जैसी योजना में भी धांधली से लोग हैरान हैं। ये मामला सूबे के समाज कल्याण विभाग के तहत आता है। डिपार्टमेंट ने सारा दोष आरोपी पर मढ़ दिया है। विभाग फिलहाल नोटिस और रिकवरी में लग गया है।
समाज कल्याण और विकास विभाग की जिम्मेदारी
बता दें, जनपद के लक्ष्मीपुर ब्लॉक में 5 मार्च को सामूहिक तौर पर शादियां हो रही थी। इसकी देखरेख की जिम्मेदारी विभाग की थी। इसी ब्लॉक की एक शादीशुदा युवती ने भी विवाह के लिए आवेदन कर दिया। पता चला है कि युवती और उसके पति को 5 मार्च को इस सामूहिक विवाह में मौजूद रहना था लेकिन उसका पति नहीं आ पाया। पति के ना आने के पीछे के कारणों का खुलासा नहीं है।
शादियों के नाम पर फर्जीवाड़ा
हद तब हो गई जब पति के ना आने पर सामूहिक विवाद को अपनी देखरेख में करा रहे अधिकारियों और बिचौलियों ने मिलकर लड़की के भाई को ही दूल्हा बना दिया। आनन-फानन में भाई ही बहन के साथ मंडप में बैठ गया। शर्मनाक यह है कि दोनों के सात फेरे भी हो गए। जाहिर है मामला उजागर होते ही समाज कल्याण और विकास विभाग की फजीहत हो रही है।
रिकवरी में जुटा विभाग
इस मामले में कूदने से बचने वाले अधिकारियों की दिक्कत तब बढ़ गई जब मामला मीडिया में उजागर हो गया। इसके बाद विभाग के लोगों ने माना कि भाई-बहन की ये शादी नहीं बल्कि फर्जीवाड़ा थी। अब उनके घर पर विभाग पहुंच गया है और शादी में देने वाले सामान को वापस लेने के साथ अनुदान राशि को भी रोक रहा है। यानी ये सब इसलिए किया गया कि सरकारी योजना के तहत होने वाली शादी से ना केवल सामान मिलेगा बल्कि अनुदान के तहत रकम भी हासिल होगी। हालांकि अब फर्जी लाभार्थी को दोनों में से कुछ नहीं मिलने जा रहा है। उल्टा इनकी व समाज कल्याण डिपार्टमेंट की गंभीर बदनामी हो गई है।