Electric vehicles: उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन चालकों के लिए अच्छी खबर है। आने वाला समय इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल का है और यह कोई छुपी हुई बात नहीं है। पेट्रोल वाहनों की मारामारी, पेट्रोल की बढ़ती कीमत और पर्यावरण को होने वाले नुकसान के तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल एक ऐसे विकल्प के तौर पर सामने आए हैं जो न केवल पर्यावरण के लिए अच्छे हैं बल्कि वाहन मालिकों की जेब पर भी कम खर्च डाल रहे हैं।
इलेक्ट्रिक व्हीकल आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर
इन सब फायदे को देखते हुए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण(यूपीईआईडीए) ने एक्सप्रेस वे में इलेक्ट्रिक व्हीकल आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इसके लिए एक्सप्रेस वे में जगह-जगह चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे और काफी कम कीमत में वाहनों को चार्ज किया जाएगा।
एक्सप्रेस वे पर चार्जिंग स्टेशन
सरकार का प्रयास है कि ऐसे कदम उठाए जाने चाहिए जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों के मालिकों की जेब पर भी असर न पड़े और ऐसे वाहनों को लगातार बढ़ावा भी मिले। ऐसे में यूपी में चार एक्सप्रेस वे में चार्जिंग स्टेशन बनाने की मंजूरी दे दी गई है। इनमें कुल 26 चार्जिंग स्टेशन बनेंगे। यह स्टेशन ऐसी जगह बनाई जा रहे हैं जो इलेक्ट्रिक वाहन के इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क को बढ़ाने के लिए रणनीतिक तौर पर भी काफी कारगर साबित होंगे।
कौन से एक्सप्रेस वे शामिल हैं
इसमें गोरखपुर लिंक, बुंदेलखंड, पूर्वांचल और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे जैसे प्रमुख एक्सप्रेस वे शामिल है। वाहन चालकों से 9.74 की दर से प्रति किलोवाट घंटा की एवज में शुल्क लिया जाएगा। यह एक उचित मूल्य है और वाहन चालकों की जेब पर ज्यादा खर्च नहीं डालता है।
इलेक्ट्रिक वाहनों का है भविष्य
बता दें, ना केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों की मोबिलिटी को बढ़ाने का प्रयास है। केंद्र सरकार अगले 7 सालों में पूरे देश में इलेक्ट्रिक वाहन रेडी हाईवे बनाने की योजना बना रही है। यानी अपने आप में ऐसे हाईवे देखने के लिए मिलेंगे जो ई-वाहनों के अनुकूल होंगे और यहां पर हरित ऊर्जा द्वारा संचालित चार्जिंग पॉइंट मिलेंगे। इस बात से इतना तय है कि आने वाला समय इलेक्ट्रिक वाहन का है।