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Lok Sabha Election 2024: आजमगढ़ से इन मुख्यमंत्रियों का रह चुका है नाता, जानें इतिहास

आजमगढ़ अपने आप में कई खासियत समेटे है। यहां से तीन मुख्यमंत्रियों का भी संबंध रह चुका है। मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के अलावा रामनरेश यादव को भी यहां से नेतृत्व मिल चुका है। चलिए जानते हैं आजमगढ़ लोकसभा सीट का इतिहास...
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उत्तर प्रदेश का जिला आजमगढ़ अपने आप में कई खासियत समेटे है। यहां से तीन मुख्यमंत्रियों का भी संबंध रह चुका है। मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के अलावा रामनरेश यादव को भी यहां से नेतृत्व मिल चुका है। पहले आम चुनाव के बाद से अब तक यहां तीन बार 1978, 2008 और 2019 में उपचुनाव कराए जा चुके हैं। इस सीट पर 1997 में जनता पार्टी के रामनरेश यादव ने कांग्रेस के चंद्रजीत यादव को 1,37,810 वोटों से मात दी थी। उस दौरान वह सांसद बने लेकिन स्थिति को देखते हुए उन्हें तत्काल यूपी का सीएम बनाया गया, जिस कारण यह सीट खाली हो गई और फिर 1978 में उपचुनाव हुआ तो कांग्रेस ने चंद्रजीत की जगह मोहसिना किदवई को मैदान में उतारा। उनके लिए खुद इंदिरा गांधी ने चुनावी प्रचार की कमान संभाल, जिसका असर भी दिखा और मोहसिना किदवई ने जनता पार्टी के रामबचन यादव को करारी मात दी थी।

वहीं, आजमगढ़ लोकसभा सीट पर दूसरा उपचुनाव साल 2008 में हुआ था। कारण था कि साल 2004 में बसपा के टिकट पर सांसद बने रमाकांत यादव की नजदीकियां समाजवादी पार्टी से बढ़ने लगी थी और फिर क्या था बसपा ने बिना देरी किए हुए उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया था। ऐसे में उपचुनाव कराया गया। इस बार सपा ने रमाकांत को टिकट न देकर पूर्व मंत्री बलराम यादव को टिकट दिया, जिससे नाराज होकर रमाकांत ने भी बीजेपी का हाथ थाम और चुनाव मैदान में उतर गए। लेकिन बसपा ने अकबर अहमद डंपी पर भरोसा जताया और यह सीट फिर से अपने नाम कर ली।

साल 2019 में अखिलेश यादव ने आजमगढ़ लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी। लेकिन फिर उन्होंने इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद यहां तीसरी बार उपचुनाव हुआ। भाजपा ने भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ को मैदान में उतारा तो सपा ने परिवार के धर्मेंद्र यादव पर दांव लगाया। बसपा ने यहां से गुड्डू जमाली को मैदान में उतार दिया। लेकिन 2019 में सत्ता पलटी और दिनेश लाल ने धर्मेंद्र को 8,679 वोटों से पराजित कर दिया।

एक बार फिर दिनेश व धर्मेंद्र के बीच चुनावी जंग

लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव पर भरोसा जताया है, जिनका भाजपा के दिनेश लाल से एक बार फिर से सामना होगा। जबकि इस बार गुड्डू जमाली साइकिल पर सवार हो गए हैं। बता दें,आजमगढ़ में यादव और मुसलमान वोटरों की संख्या जीत के दरवाजे तक सीधे ले जाती है। इस लोकसभा सीट पर यादव करीब 25 प्रतिशत और मुसलमान 13 प्रतिशत हैं।

आजमगढ़ में मतदाताओं की संख्या

आजमगढ़ में दस विधानसभा और दो लोकसभा सीट हैं। लालगंज और आजमगढ़ लोकसभा में कुल 3707047 मतदाता हैं। इनमें 19,50715 पुरुष, 15,56264 महिलाएं और 68 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। यदि लोकसभा आजमगढ़ की बात की जाए तो यहां कुल 18 लाख 68 हजार 165 मतदाता हैं। जिसमें नौ लाख 88 हजार 858 पुरुष, छह लाख 79 हजार 264 महिलाएं और 43 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल है।


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