अतुल सिंह का जन्म 31 मार्च 1990 में गाजियाबाद में हुआ था। अतुल सिंह बताते हैं कि घर में पढ़ाई का माहौल शुरू से ही रहा। उनके पिता राम निवास शर्मा रेलवे में नौकरी करते थे। अतुल सिंह और उनके भाई पढ़ने में बहुत तेज थे। साथ ही अतुल सिंह वर्दी के भी बहुत शौकीन थे। अतुल सिंह ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गाजियाबाद के प्राइवेट स्कूल से की। इसके बाद साल 2005 में उन्होंने अपना स्कूल बदल दिया था।
अतुल सिंह 10वीं के दौरान ही अपने करियर के बारे में सोचने लगे थे कि उन्हें क्या करना है। इसके लिए वे 12वीं की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए और विवेकानंद कॉलेज में एडमिशन लिया। अतुल सिंह ने बताया कि उनकी मैथ शुरू से ही बहुत अच्छी थी। इसलिए उन्होंने इंजीनियरिंग की तैयारी शुरू कर दी। उनका सिलेक्शन आईआईटी कानपुर में हो गया।
अतुल सिंह ने बताया कि 2011 में इलेक्ट्रिकल से इंजीनियरिंग खत्म करने के बाद पहली नौकरी टाटा स्टील कंपनी में 10 लाख रुपये के पैकेज पर लगी थी। उस समय टाटा स्टील जैसी कंपनी में नौकरी लग जाना बहुत बड़ी बात होती थी। आगे बहुत अच्छी ग्रोथ भी थी, लेकिन इस नौकरी से खुशी नहीं मिल रही थी और न ही सुकून था। फिर परिवार वालों से बात की। उन्हें समझाया और सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी।
अतुल सिंह ने बताया कि दिल्ली पहुंच कर उन्होंने सेल्फ स्टडी शुरू कर दी। 2013 में पहला अटेम्ट दिया, जिसमें अच्छे नंबर नहीं आए। फिर से तैयारी शुरू की और 2014 में दूसरा अटेम्ट दिया। एक बार फिर निराशा ही हाथ लगी, लेकिन हार नहीं मानी और एक बार फिर से जमकर तैयारी शुरू की। 2015 में सिलेक्शन हुआ। 118वीं रैक आई। 2016 में एकेडमी से ट्रेनिंग कंप्लीट की। उन्होंने बताया कि एकेडमी और यूपी के दो जिलों में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद पहली इंडिपेंडेंट पोस्टिंग प्रतापगढ़ में हुई। बताया कि प्रतापगढ़ के बारे में अक्सर टीवी पर वे सुना करते थे कि प्रतापगढ़ जिला राजा भैया के नाम से जाना जाता है।
बताया कि पहले से ही उनके दिमाग में था कि ये जिला बहुत क्राइम वाला जिला है। उन्होंने बताया कि जब वहां पहुंचे तो वही हुआ जैसा सोचा था। तौकीर अहमद नाम का बदमाश बहुत सुर्खियों में था, जिस पर 20 से भी ज्यादा केस दर्ज थे। तौकीर अहमद पर हत्या, लूट, रेप और अपहरण का केस दर्ज था। वो अक्सर रंगदारी मांगता रहता, जिस कारण व्यापारियों में तौकीर अहमद का बहुत खौफ था।
अतुल सिंह ने बताया कि प्रतापगढ़ की पुलिस तौकीर अहमद को काफी समय से तलाश कर रही थी। तौकीर अहमद पर 1 लाख रुपये का इनाम भी रखा गया था। तौकीर अहमद कार्बाइन और आधुनिक हथियार लेकर चलता था, जिस कारण कोई भी उसकी जानकारी नहीं देना चहता था। अगर कोई भी ऐसा करता था तो उसके परिवार पर हमला करा देता था। तौकीर अहमद रहता तो प्रतापगढ़ में था, लेकिन प्रयागराज, कौशांबी में वारदात करता था। तौकीर अहमद ने अतीक अहमद का गैंग भी जॉइन किया हुआ था।
अतुल सिंह ने आगे बताया कि एक दिन रात में उसके चिलबिला रोड के पास आने की खबर मिली। लोकल पुलिस और एसटीएफ की टीम वहां निगरानी में थी, तभी एक बाइक से दो लोग आते हुए दिखे। उन्होंने बताया कि एक सिपाही ने हाथ दिया तो वो कार्बाइन से फायरिंग करने लगा। फिर पुलिस ने उसे चारों तरफ से घेर लिया और क्रॉस फायरिंग में वह मारा गया, लेकिन उसका साथी वहां से भाग गया। तौकीर अहमद के पास से दो पिस्टल, मैगजीन और एक कार्बाइन बरामद हुई। इसके साथ ही बहुत चैलेंजिंग केस आए थे।