Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद लखनऊ के लगभग 121 मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। लखनऊ में कुल 121 मदरसे चलाए जा रहे हैं। इनमें से 18 मदरसे अनुदानित तथा बाकी मान्यता प्राप्त हैं। बता दें, इन मदरसों में 21 हजार छात्र छात्राएं पढ़ते हैं। कोर्ट के आदेश से यहां पढ़ने वाले करीब 21 हजार विद्यार्थियों की शिक्षा पर प्रभाव पड़ेगा। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सोन कुमार ने बताया कि लखनऊ में 121 मदरसे हैं। जिनमें 18 अनुदानित और बाकी मान्यता प्राप्त हैं। इन सभी मदरसों में लगभग 21 हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। आगे शासन के आदेश पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, ईमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि ये गलतफहमी है कि मदरसों में अब सिर्फ मजहबी शिक्षा दी जाती है। उन्होंने कहा कि अब मदरसों में सभी विषयों की शिक्षा दी जाती है। मदरसों में अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, कंप्यूटर समेत सभी विषय पढ़ाए जा रहे हैं। जिसका प्रमाण है कि यहां से पढ़कर निकले छात्र आईएएस, पीसीएस और प्रोफेसर बने। मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम की प्रारंभिक शिक्षा मदरसें में हुई थी। गुरुकुल, संस्कृत पाठशाला जैसे धार्मिक संस्थानों को भी सरकारी मदद मिलती है। संविधान के अनुच्छेद 13 के अन्तर्गत अल्पसंख्यकों को ये हक मिलता है कि वे अपनी पसंद के शैक्षिक इदारे स्थापित कर सकें। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जानी चाहिए।