यूपी के गोंडा जिले से चंडीगढ़ डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस बुधवार को निकली थी। करीब 2.25 बजे गोंडा पहुंची और 2.28 बजे वहां से निकली। इसके बाद गोंडा से करीब 18 किलोमीटर दूर मोतीगंज झिलाही बाजार के पास ट्रेन पटरी से उतर गई, जिस कारण बड़ा हादसा हो गया। इस घटना में 4 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 34 यात्री घायल हुए थे। वहीं, रेल संरक्षा आयुक्त सीआरएस की टीम इस घटना के पीछे का कारण पता लगा रही है।
रेलवे की जांच टीम के मुताबिक, पटरी के आसपास बहुत गड्ढे थे, जिसमें बारिश का पानी भरा हुआ था। ये पानी रेलवे की पटरी तक आ गया था। इस कारण पटरियां कमजोर हो गईं और जब ट्रेन तेज स्पीड से चली तो पटरियां अपनी जगह से खिसक गईं और ये हादसा हो गया। रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य यातायात प्रकाश ने बताया कि बारिश के कारण कई बार पटरी के नीचे की जमीन धंस जाती है, जिस कारण घटना की आशंका और बढ़ जाती है।
रेलवे के अनुसार, इस घटना के 2 कारण हो सकते हैं। पहला इंजल कोच के पहियों में कोई गड़बड़ी या दूसरा पटरी में कोई खामी। इस रेल की पटरी पर पिछले 3 साल से काम चल रहा है, जिस कारण इस घटना का मुख्य कारण पटरी में हुई कोई खराबी को ही माना जा रहा है। रेलवे बोर्ड के सीनियर अधिकारियों ने यह भी बताया कि लोको पायलट ने इस घटना से पहले तेज धमाके की आवाज सुनी, जिसको देखते हुए इस घटना में हाई लेवल की जांच के भी निर्देश दिए गए हैं।
वहीं, डीजीपी प्रशांत कुमार ने ऐसे किसी तरह के विस्फोट होने की बात से साफ मना कर दिया है। उनका कहना है कि अगर कोई धमाका होता तो इसका असर सबसे पहले ट्रेन के इंजन पर पड़ता। इस घटना में घायल हुए यात्रियों से बातचीत पर परमजीत सिंह ने बताया कि वे A.1 बोगी में थे। हमारी बोगी के आगे वाली सारी बोगियां ही पलट गईं। हमारी बोगी आधी पलटी हुई थी। घटना में कई लोग घायल हुए हैं, जहां बोगियां पलटीं, वहां पानी भरा हुआ था।