Mukhtar Ansari Viscera Report: माफिया मुख्तार अंसारी से जुड़ी एक खबर सामने आई है। मुख्तार की मौत के बाद उसकी विसरा जांच की गई थी। विसरा रिपोर्ट के मुताबिक मुख्तार को जहर नहीं दिया गया है। दरअसल मुख्तार के छोटे बेटे उमर अंसारी ने मुख्तार को जेल में उसके खानें में स्लो पॉइजन देने का दावा किया था।
माफिया मुख्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट के चलते जेल में मौत हो गई थी, जिसके बाद उसे इलाज के लिए बांदा जेल ले जाया गया था। बांदा मेडिकल कॉलेज की चिकित्सक टीम ने मुख्तार अंसारी को मृत घोषित कर दिया था। मुख्तार के परिजनों ने उसको खाने में स्लो पॉइजन दिए जाने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने बांदा के जिला अधिकारी को चिट्ठी लिखकर दिल्ली के एम्स में मुख्तार का पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी। जिसको लेकर प्रशासनिक और न्यायिक जांच शुरू हुई थी
मुख्तार की विसरा जांच की गयी थी, जिसमें साफ हो गया है कि मुख्तार को जेल में जहर नहीं दिया गया है। विसरा रिपोर्ट को फिलहाल न्यायिक टीम को सौंप दिया गया है, जांच टीम पूरी रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को सौंपेगी। बता दें, इससे पहले माफिया मुख्तार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई थी, उसमें यह स्पष्ट हो गया था कि मुख्तार की मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई थी, इसके बावजूद जेल में जहर दिए जाने के आरोपों के चलते विसरा लखनऊ में जांच के लिए भेजा गया था।
कैसे होती है विसरा जांच?
अगर किसी शख्स की मौत संदिग्ध हालात में होती है और पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराती है, तो इस दौरान मरने वाले के शरीर से विसरल पार्ट यानी आंत, दिल, किडनी, लीवर आदि अंगों का सैंपल लिया जाता है, उसे ही विसरा कहा जाता है। विसरा की जांच केमिकल एक्जामिनर करते हैं। व्यक्ति की संदिग्ध हालात में मौत के कारण का पता लगाने के लिए विसरा जांच की जाती है। विसरा रिपोर्ट को न्यायालय में सबूत के तौर पेश किया जाता है।