बारिश के बाद राम मंदिर के टपकने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। दिनों दिन इस मामले में लोगों के बयान सामने आ रहे हैं। चर्चा इस बात की है कि आखिर करोड़ों रुपयों की लागत से बना मंदिर पहली ही बरसात क्यों नहीं झेल पाया? वहीं, इस मामले को लेकर ट्रस्ट लगातार अपनी सफाई पेश कर रहा है। इसी बीच महासचिव चंपत राय ने कहा कि गर्भगृह जहां भगवान रामलला विराजमान हैं, वहां एक भी बूंद पानी छत से नहीं टपका है।
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मंदिर और परकोटा परिसर में बरसात के पानी की निकासी का सुनियोजित तरीके से इंतजाम किया गया है, जोकि लगातार जारी भी है। मंदिर निर्माण का कार्य पूरा होने के बाद मंदिर और परकोटा परिसर में कहीं भी जलभराव की स्थिति नहीं होगी। श्री रामजन्म भूमि परिसर मे बरसात के पानी को अंदर ही पूर्ण रूप से रखने के लिए रिचार्ज पिटो का भी निर्माण कराया जा रहा है।
जानें पूरा मामला
बता दें, अयोध्या के राम मंदिर की छत से बारिश का पानी टपकने लगा है। इस बात का दावा खुद मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने किया था। उनका कहना था कि जहां रामलला विराजमान हैं वहां पहली बरसात में ही पानी चूने लगा। अंदर भी पानी भर गया था। मुख्य पुजारी का कहना है कि जो निर्माण हुआ है उसमें देखना चाहिए कि कहां कमी रह गई, जिसकी वजह से पानी टपक रहा है।
राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि मंदिर के अंदर भी पानी भर गया। पानी निकलने का कोई जगह नहीं है और पानी टपकता भी है। ऐसे में जरूरी है कि इस समस्या का समाधान सबसे पहले किया जाए। आज-कल में ही इस समस्या के समाधान को सुनिश्चित करने की जरूरत है। अगर बरसात शुरू हो जाएगी तो वहां पूजा अर्चना भी मुश्किल हो जाएगा।