श्रेष्ठ उत्तर प्रदेश (Shresth UP) | Hindi News

Follow us

Follow us

Our sites:

|  Follow us on

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों से कितने फायदे में रहेगी सपा


लोकसभा चुनाव आते आते नेताओं के बोल तेज हो रहे हैं। विपक्षी गुट अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के बीच कारसेवकों पर गोलीबारी को लेकर तत्कालीन मुलायम सरकार का बचाव करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य अब फ्रंट फुट पर खेलने की तैयारी में दिख रहे हैं। खुद मुलायम सिंह यादव ने बाद में कारसेवकों पर गोली चलाने के लिए अफसोस जताया था। बसपा और भाजपा के रास्ते समाजवादी पार्टी में पहुंचकर राष्ट्रीय महासचिव बने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों को देखते हुए उत्तर प्रदेश की राजनीति के जानकारों ने अंदेशा जताना शुरू कर दिया है कि लगता है कि उन्होंने सपा की ‘सुपारी’ ले रखी है।

केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता एसपी सिंह बघेल ने कहा था कि अयोध्या में कारसेवकों पर सपा सरकार में गोली चलाई गई थी। इसके बावजूद सपा से कोई श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आना चाहे तो उसका स्वागत है। यूपी के कासगंज में इस बारे में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार ने न्याय की रक्षा और अपने कर्तव्य का पालन करते हुए गोली चलवाई थी। मौर्य न कहा कि एसपी सिंह बघेल उस समय समाजवादी पार्टी में थे।

लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुटे सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी में पीडीए को अपना भगवान कह दिया है। इसका मतलब उनका सारा फोकस पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यक यानी मुस्लिम वोटों पर है। इसके साथ ही अखिलेश यादव यूपी में निर्णायक ब्राह्मण वोटों को जोड़ने के लिए ब्राह्मणों के सम्मेलन करवा रहे हैं। भगवान परशुराम के फरसे और उनकी मूर्ति लगवा रहे हैं. इस बीच उनके स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे नेता रामचरितमानस, सनातन हिंदू धर्म, राम मंदिर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बेतुके और विवादित बयानों से न सिर्फ आलोचना बल्कि पुलिस केस को भी आमंत्रित कर रहे हैं. मौर्य के विवादित बयानों पर अखिलेश के पीडीए का पीडी भी खफा होकर सामने आ रहा है।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, मौजूदा विपक्ष के नेता और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को  राज्य के करीब 19 फीसदी मुस्लिम और करीब 11 फीसदी यादव यानी एकमुश्त 30 प्रतिशत वोट बैंक का भरोसा है। इसके बावजूद लोकसभा चुनाव 2014 से ही कामयाबी उनसे दूर है। अपने पिता और सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के रहते हुए अखिलेश ने सियासी करियर के सबसे बड़े मुकाम देखे। अखिलेश यादव के हाथों कोई भी बड़ी कामयाबी इसके बाद नहीं आई।अब लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में लगे अखिलेश अपनी पार्टी के बड़बोले नेताओं की वजह से फिर पोलराइजेशन का खतरा उठा सकते हैं। ऐसे में विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन शायद ही उनकी मदद कर पाए।

अखिलेश यादव भले ही पीडीए की बात करते हैं, मगर आम तौर पर उनकी राजनीतिक छवि महज यादव नेता की बनकर रह गई है।उत्तर प्रदेश में ओबीसी नेता बनने की कोशिश करने वाले अखिलेश खासकर यादवों से जुड़े मामले पर जल्दी बोलते या पहुंचते हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक रामचरितमानस का अपमान करते हैं। लक्ष्मी पूजा को नाटक बताते हैं। राम मंदिर निर्माण पर उकसाने वाला बयान देते हैं।


संबंधित खबरें

वीडियो

Latest Hindi NEWS

South Africa vs India 3rd T20
IND vs SA: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीसरा टी20 मैच आज, जानें पिच रिपोर्ट
Supreme Court Issues Guidelines To Bulldozer Justice | executive and judiciary | Shresth uttar Pradesh |
सुप्रीम कोर्ट ने 'बुलडोजर न्याय' पर अंकुश लगाने के लिए जारी किए दिशा-निर्देश
Indecency with elderly woman in Air India flight | Shresth uttar Pradesh |
Air India की फ्लाइट में महिला के साथ अभद्रता, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को लिखा पत्र
Fatehpur Road Accident | Shresth uttar Pradesh |
कानपुर-प्रयागराज हाईवे पर बारातियों से भरी बस ट्रेलर से टकराई, हादसे में 3 की मौत; 10 घायल
Prayagraj Student Protest | FIR | Uttar Pradesh Public Service Commission | Shresth uttar Pradesh |
प्रयागराज छात्र आंदोलन: तोड़फोड़ और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में 10 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज
Shah Rukh Khan Threat | Shresth uttar Pradesh |
शाहरुख खान को जान से मारने की धमकी देने वाला आरोपी फैजान खान गिरफ्तार