उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से सियासत को गरमाते हुए सपा और कांग्रेस एक साथ आकर खड़े हो गए हैं। दोनों ही दल गठबंधन का धर्म निभाने की बातें इसकी घोषणा के साथ ही करना शुरू भी कर चुके हैं। लेकिन एक तस्वीर 7 साल बाद सबके सामने फिर से आने जा रही है। 7 साल पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के आला नेता अखिलेश यादव और राहुल गांधी एक साथ आए थे। और “यूपी को यह साथ पसंद है” का नारा देकर बीजेपी को बैक फुट पर धकेलना की कोशिश की गई थी लेकिन वह प्रयास असफल साबित हुआ था।
यूपी की धरती पर 7 साल बाद 25 फरवरी को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक साथ दिखने जा रहे हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में अखिलेश यादव आगरा में शामिल हो रहे हैं। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए दोनों एक साथ आकर बड़ा संदेश देने जा रहे हैं। आगरा की टेढ़ी बगिया स्थित अंबेडकर प्रतिमा से दोनों ही नेता एक किलोमीटर तक पैदल यात्रा करेंगे। इसके बाद करीब 10 से 12 किलोमीटर का सफर खुली जीप से तय करते हुए जनता के बीच अपने पक्ष में माहौल बनाने की जोर आजमाइश करते दिखेंगे इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए समाजवादी पार्टी ने अपने क्षेत्रीय नेताओं को तैनात कर दिया है।
इससे पहले साल 2017 के विधानसभा चुनाव में यूपी को यह साथ पसंद है, के नारे के साथ अखिलेश यादव और राहुल गांधी एक मंच पर आ गए थे। एक बड़े समाजवादी नेता की माने तो अब तक कांग्रेस की यात्रा में जितनी भीड़ जुटी है उससे कई गुना ज्यादा लोग यहां जुटाने की तैयारी इस यात्रा के दिन की गई है। समाजवादी पार्टी के नेता कांग्रेस को यह एहसास करना चाहते हैं कि सपा के साथ आने से दोनों की ताकत में जबरदस्त वृद्धि होगी। इसके साथ ही आम मतदाताओं को भी यह संदेश देने का प्रयास किया गया है कि इंडिया गठबंधन ही यूपी में एनडीए को टक्कर देने वाला है। राहुल गांधी अलीगढ़ और हाथरस होते हुए आगरा पहुंचेंगे जबकि अखिलेश यादव आगरा में न्याय यात्रा में शामिल होकर माहौल बनाएंगे और यहीं से यात्रा राजस्थान में प्रवेश कर जाएगी। जानकरों की माने तो आगरा की तस्वीर लोकसभा चुनावों की तस्वीर की झलकी जरूर पेश करेगी।