2024 लोकसभा चुनाव के नतीजों ने BJP के साथ-साथ, RSS के खेमे में भी हलचल बढ़ा दी है। ऐसे में RSS प्रमुख का गोरखपुर आना और फिर CM योगी के साथ उनकी मुलाकात पर कयासबाज़ी लंबा दौर चलना कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। इस बीच अखिलेश यादव ने खुलकर BJP के खिलाफ मोर्चाबंदी कर ली है और इशारों इशारों में RSS और BJP पर शायरना अंदाज़ में तंज कस दिया है।
मणिपुर पर जिम्मेदार हुकमरानों को उनका फर्ज याद दिलाने के बाद, जब RSS प्रमुख ने गोरखपुर का रुख किया था, तो ऐसी चर्चाएं तेज हो गई थी कि वो यूपी आ रहे हैं और गोरखपुर में 5 दिन रहने वाले हैं। तो कहीं न कहीं वो यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे और 2027 यूपी विधानसभा से ठीक पहले यूपी में BJP को फिर मजबूत बनाने की रणनीति पर चर्चा होगी। लेकिन मोहन भागवत यूपी भी आए और 5 दिन गोरखपुर के प्रवास पर भी रहे, लेकिन CM योगी और मोहन भागवत की मुलाकात हुई, या फिर नहीं हुई, इस बात पर कोई भी पुख्ता ख़बर सामने नहीं आई।
हालांकि, मोहन भागवत का गोरखपुर दौरा RSS के कार्यक्रमों से जुड़ा बताया जा रहा था और उन्होंने गोरखपुर में कई कार्यक्रमों में शिरकत भी। लेकिन इस दौरान हर ओर मोहन भागवत और CM योगी की मुलाकात पर अटकलों और कयासबाज़ी का दौर ही देखने को मिला। जब मोहन भागवत गोरखपुर से रवाना हो गए तब तक CM योगी और मोहन भागवत की मुलाकात पर कोई भी आधिकारिक ख़बर न ही संघ और ना ही BJP की तरफ से सामने आई तो विपक्ष को बैठे बैठाए सत्ता पक्ष पर हमला करने का मौका मिल गया और इशारों इशारों में अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए बिना किसी व्यक्ति का ज़िक्र किए BJP को घेर लिया है।
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है कि बहुत गहरा है कोई शिकवा औ’ गिला, वो जो इतने करीब आकर भी न मिला। अखिलेश का ये शायराना अंदाज़ कई सवाल कर रहा है और इसे सियासी गलियारों में सीधे तौर पर, मोहन भागवत और CM योगी से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि अबतक यही माना जा रहा है कि भले ही मोहन भागवत गोरखपुर में 5 दिन रुके हो और इस दौरान CM योगी भी गोरखपुर गए हो। लेकिन आधिकारिक तौर पर अबतक तो यही ख़बर है कि CM योगी और मोहन भागवत की कोई मुलाकात नहीं हुई। ऐसे में अखिलेश की कही गई शायरी सीधे तौर पर RSS और BJP से जुड़ती दिख रही है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में BJP का मिशन 80 खारिज होता सा नज़र आया है और अखिलेश यादव के साथ कांग्रेस की सियासी दोस्ती रंग दिखाती नज़र आई है, जिसके चलते समाजवादी पार्टी यूपी में जहां सबसे ज्यादा सीटे जीतने वाली पार्टी बन गई, तो दूसरी ओर BJP दूसरे नंबर पर चली गई है। ऐसे में कयास यही लगाए जा रहे थे कि संगठन को यूपी में मजबूत करने के लिए मोहन भागवत और CM योगी के बीच कोई बात होगी और जनता से सीधे कनेक्ट करने के लिए BJP की नई विजयी रणनीति तैयार होगी। लेकिन अभी तक इस विषय पर RSS भी खामोश है और BJP मानो चुप्पी साधकर बैठी है, जिसके चलते ही अखिलेश यादव शायरना अंदाज़ में BJP पर तंज कर रहे हैं।
तस्वीर साफ है कि 2027 को लेकर सपा और कांग्रेस फ्रंटफुट पर खेलने की तैयारी में है, तो दूसरी ओर BJP का खेमा अभी भी मानो हार के कारणों में उलझा हुआ है। हालांकि, CM योगी ने गोरखपुर में जनप्रतिनिधियों से मुलाकात से जुड़े एक अनौपचारिक कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को संदेश दे दिया है और कह दिया है कि सभी जनप्रतिनिधियों को जनता का विश्वास जीतना चाहिए, जिसके लिए जनप्रतिनिधियों को जनता के बीच ज्यादा एक्टिव होना पड़ेगा ताकि वक्त रहते फिर से BJP को 2027 से पहले ज़मीन पर मजबूत किया जा सके।