India alliance coordination committee: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही राजनीतिक दलों की तरफ से तैयारियों को धार देना भी शुरू हो गया है। एक तरफ यूपी को लेकर बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने कल देर रात प्रत्याशियों को लेकर मंथन किया, तो वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस यूपी में बीजेपी के रथ रोकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है।
यूपी में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग के बाद अगले स्तर की रणनीति पर मथंन किया जा रहा था। जिसके तहत दोनों दलों के बीच पांच–पांच सीनियर नेताओं की कोआर्डिनेशन कमेटी बनायी जायेगी। इस कोऑर्डिनेशन कमिटी का नाम इंडिया गठबंधन समन्वय समिति दिया गया है।
समाजवादी पार्टी के दो वरिष्ठ नेता कांग्रेस के वॉर रूम में बैठेंगे और कांग्रेस के दो सीनियर लीडर सपा के वार रूम में बैठेंगे। यह समन्वय समिति प्रदेश स्तर की होगी। यानी इस प्रदेश स्तरीय कमेटी की जिम्मेदारी सिर्फ यूपी के लोकसभा की 80 सीटों की होगी। प्रत्येक लोकसभा में एक समाजवादी पार्टी और एक कांग्रेस के नेता मिलकर कोऑर्डिनेटर होंगे। यहां तक कि ये भी फैसला किया गया है कि दोनों दलों के बीच वैचारिक मतभेद मीडिया की सुर्खिया ना बने। लिहाजा सपा और कांग्रेस के मीडिया के लिए एक टीम बनेगी और दोनों पार्टी के प्रवक्ता एक ही लाइन पर बयान जारी करेंगे।
यहा तक की यूपी के 80 लोकसभा में हर जिले में सपा और कांग्रेस एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी। प्रदेश के साथ–साथ जिलों में सपा और कांग्रेस नेताओं के बीच मतभेद या किसी तरह की कहासुनी ना हो इसको देखते हुए जिला स्तर पर भी सपा और कांग्रेस के एक-एक नेता कोआर्डिनेशन समिति में शामिल होंगे। ताकि चुनाव प्रचार के दौरान जिला स्तर पर आपसी समन्वय के साथ ज्यादा से ज्यादा भीड़ बुलाकर चुनाव प्रचार को सफल बनाया जा सके। आपको बता दें, यूपी में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को 17 सीटें दी हैं। वहीं 63 सीटों पर सपा और उसके अन्य सहयोगी दल चुनावी मैदान में होंगे।