साल 2024 लोकसभा चुनाव से पहले मायावती की बहुजन समाज पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। बसपा सांसद शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने बसपा पार्टी से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की मौजूदगी में वो समाजवादी प्रमुख पार्टी में शामिल हुए। पिछले उपचुनाव में सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र को शाह आलम उर्फ गुड्डु जमाली को उनकी हार का जिम्मेदार ठहराया गया था। सपा का दामन थामने के बाद गुड्डू ने कहा कि मुझ पर हिंदू भाईयों का बड़ा अहसान है। हमें मजहब के नाम पर कोई नहीं बांट सकता है। साथ ही कहा कि यह हमारे देश की संस्कृति है। हमारे सपा में आने का फैसला एक बड़े बदलाव की उम्मीद है।
मीडिया से बात करते हुए गुड्डु जमाली ने आगे कहा कि अब हम सपा के साथ आ गए हैं और जीवन भर सपा के साथ ही रहकर काम करेंगे। हम किसी लालच के साथ सपा में शामिल नहीं हुए हैं। बाद में उन्होंने कहा कि हमें मजहब के नाम पर बांटा जा रहा था पर अब हम ऐसा नहीं होने देंगे।’
गुड्डु जमाली ने कहा कि मैं बसपा में 13 साल तक रहा लेकिन पार्टी प्रमुख मायावती का INDIA गठबंधन से ना जुडना एक गलत फैसला था। उन्हें भी INDIA गठबंधन के साथ मिलकर भाजपा को हराने के लिए साथ आना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो हम क्या करते? गुड्डु जमाली बसपा पार्टी से दो बार विधायक रह चुके हैं। और वह सफल कारोबारी भी हैं।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि साल 2022 के उपचुनाव से पहले गुड्डु जमाली हमारे पास आए थे, लेकिन कुछ ऐसी परिस्थितियां थी जिनकी वजह से हम साथ नहीं आ पाए थे। अखिलेश ने कहा कि हम उन्हें यकीन दिलाते हैं कि यहां आकर उन्हें अपने घर जैसा ही लगेगा। गुड्डु जमाली के सपा में आने बाद अखिलेश यादन ने कहा कि पीडीए परिवार बढ़ता जा रहा है। हम जितना परिवार बढ़ा लेंगे उतनी ही आसानी से भाजपा को हरा सकते है।
कुछ समय पहले रितेश पाडेंय ने बसपा से इस्तीफा दिया था। उसके बाद रितेश पांडेय ने भाजपा का दामन थाम लिया था।