लोकसभा चुनाव 2024 में रायबरेली और अमेठी से कांग्रेस से कौन चुनाव लड़ेगा ये बात लगभग पूरी तरह से तय हो गई है। गांधी परिवार के कौन से दो दिग्गज इस सीट से चुनावी मैदान में उतरने वाले हैं और कांग्रेस और गांधी परिवार के सदस्य ये दो नेता, जो यूपी में कांग्रेस की डूबी नैया को पार लगाने का बेड़ा उठाते नज़र आएंगे, वो कोई और नहीं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ही हैं। सच तो ये है कि लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस मंथन के दौर से गुजर रही है और कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में दिग्गज़ों की मौजूदगी में, 2024 चुनाव में कांग्रेस की जीतने की तैयारी की जा रही है। इस बीच सियासी गलियारों में यही एक सवाल था कि यूपी में खोए हुए जनाधार की तलाश में कांग्रेस क्या कदम उठाएगी।
दरअसल, राजस्थान से सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद, ये तय हो गया था कि इस बार रायबरेली से कांग्रेस का कोई नया नेता ही, रायबरेली में कांग्रेस की विरासत और गांधी परिवार की सियासी गद्दी को संभालेगा और अब ये बात सामने आ गई है कि प्रियंका गांधी रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे तो वहीं अगर अमेठी की बात करें..तो अमेठी से इस बार फिर राहुल गांधी चुनावी मैदान में स्मृति ईरानी का सामना करते हुए नज़र आएंगे। जिसकी आधिकारिक पुष्टी कांग्रेस की ओर से जल्द होगी।
सियासी गलियारों में दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि राहुल गांधी लोकसभा चुनाव 2024 में अमेठी और वायनाड से चुनावी मैदान में उतरेंगे और प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली से अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत कर सकती हैं। रायबरेली में वही सीट है, जिसे आज़ादी के बाद से कांग्रेस की परंपरागत सीट कहा जाता है और खुद जनता के नाम अपने खत में सोनिया गांधी बता चुकी हैं कि रायबरेली और कांग्रेस का ये रिश्ता आखिर क्या कहलाता है, और गांधी नेहरू परिवार के साथ, रायबरेली की जनता के रिश्ते की जड़े कितनी गहरी है। क्योंकि हर कोई जानता है कि रायबरेली की जनता का प्रतिनिधित्व एक वक्त में फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी भी कर चुके हैं। तो वहीं अमेठी वो लोकसभा सीट, जिसने सियासत का वो दौर देखा है जब गांधी-नेहरू परिवार देश की सियासत का केंद्र ही नहीं बल्कि, देश के तमाम बड़े फैसलों की दिशा और दशा को तय करने वाला सबसे बड़ा कारक साबित होता था।
ख़बर है कि कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में खासकर उन 130 से 150 सीटों पर विचार होगा। जोकि उन राज्यों से हैं जहां कांग्रेस का किसी पार्टी के साथ कोई भी चुनावी गठबंधन नहीं है। इन राज्यों में उत्तराखंड, तेलंगाना, कर्नाटक, झारखंड जैसे राज्यों के अलावा इनमें ज्यादातर दक्षिण भारत के राज्य हैं, जहां कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ रही है। साथ ही साथ देश के अन्य अलग अलग राज्यों की लोकसभा सीट पर प्रत्याशियों के नाम पर कांग्रेस आखिरी फैसला लेकर, जल्द उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है।
ये भी देखें