Swami Prasad Maurya Will Contest Lok Sabha Elections : बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी में अहम पदों पर रह चुके और अब अपने नवगठित दल से उत्तर प्रदेश में राजनीति कर रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य अपने नए नवेले दल राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के जरिए कुशीनगर से लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। उन्होंने पहले देवरिया से अपनी पार्टी से एसएन चौहान को चुनावी मैदान में उतारा था लेकिन माना जा रहा है कि सपा के नेतृत्व की तरफ से कुछ इशारा मिलने के बाद उन्होंने देवरिया से पूर्व में घोषित प्रत्याशी एसएन चौहान का टिकट अब काट दिया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी का किया गठन
उत्तर प्रदेश की सियासत में अपनी अहमियत दिखाने की कोशिश में जुटे स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है कि उन्होंने पांच सीट समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के इंडी गठबंधन से मांगी थी लेकिन अभी तक इस पर कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। समाजवादी पार्टी अपने और कांग्रेस अपने-अपने प्रत्याशियों का ऐलान करती जा रही है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस बीच भी इंडि गठबंधन से समझौते की उम्मीद बांध रखी है। स्वामी का कहना है कि देखना यह है कि इंडी गठबंधन में सम्मिलित दल उन्हें गठबंधन का हिस्सा मानते हैं या फिर नहीं। समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसी साल फरवरी में राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी का गठन किया था राजधानी दिल्ली में बड़ा कार्यक्रम करके अपनी ताकत दिखाने की कोशिश भी की गई थी। जिसकी कवायद जारी है।
हिंदू देवी देवताओं और सनातन धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की
गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी और उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य जो भारतीय जनता पार्टी से बदायूं की सांसद थी उनका भी टिकट बीजेपी ने काट दिया। दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार समाजवादी पार्टी में रहते हुए हिंदू देवी देवताओं और सनातन धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करते रहे। इसका विरोध बीजेपी कांग्रेस समेत तमाम दलों के नेताओं ने तो किया ही, इसके बाद समाजवादी पार्टी के भीतर ही कई नेताओं ने उनका विरोध शुरू कर दिया था। नतीजतन स्वामी प्रसाद मौर्य को समाजवादी पार्टी से और एमएलसी पद से इस्तीफा देकर अपनी राहें अलग करनी पड़ी।
स्वामी प्रसाद मौर्य की माने तो यूपी के कई जिलों में उनकी पार्टी ने संगठन तैयार कर लिया है। इस बीच समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और उनके बीच रिश्तों पर जमीन बर्फ पिघलती भी दिख रही है। कहा तो यह भी जा रहा है कि स्वामी प्रसाद सपा के सहयोग से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं शायद इसीलिए उन्होंने देवरिया से एसएन चौहान के चुनाव लड़ने की घोषणा निरस्त भी कर दी है।