यूपी में इंडी गठबंधन तय होने के बाद समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को 17 सीटें दी हैं। लेकिन, इन 17 सीटों में सबसे ज्यादा नजरें यूपी की दो हाई प्रोफाइल सीट रायबरेली और अमेठी पर हैं। इन दोनो सीटों को लेकर कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व भी पशोपेश की स्थिति में है। रायबरेली को लेकर सोनिया गांधी पहले ही सेहत का हवाला देते हुए चुनाव ना लड़ने की बात कह चुकी हैं जबकि अमेठी को लेकर भी तस्वीर साफ नही हो पायी है।
सवाल ये है कि ये दोनों ही सीटें गांधी परिवार का गढ़ कही जाती हैं। ऐसे में इन दोनों सीटों पर पार्टी नेतृत्व का फैसला ना ले पाना राजनीतिक दलों को भी कांग्रेस पर हमला करने का मौका दे रहा है।
पिछले दिनों कांग्रेस की तरफ से जारी की प्रत्याशियों की पहली सूची में वायनाड से राहुल गांधी के चुनावी मैदान में उतरने की खबर से कांग्रेस की यूपी इकाई में भी कानाफूसी शुरू हो गयी। इन दोनों हाईप्रोफाईल सीटों को लेकर फंसे पेच के बीच कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व इन दोनों सीटों को लेकर सर्वे करवा रहा है। सर्वे के जरिये पार्टी दरअसल ये जानने का प्रयास कर रही है कि इन दोनों सीटों पर गांधी परिवार के अलावा किसी अन्य प्रत्याशी के चुनावी मैदान में उतरने पर क्या सियासी नफा नुकसान होने की संभावना है। सर्वे के बाद ही इन दोनों सीटों को लेकर पार्टी कोई फैसला लेगी।
उधर यूपी कांग्रेस नेता लगातार इन दोनों सीटों से गांधी परिवार के ही किसी सदस्यों को मैदान में उतारने की मांग कर रहे हैं। पिछले यूपी के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पाण्डेय ने पत्र लिखकर यूपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की मांग पार्टी नेतृत्व तक पहुंचाई थी। अविनाश पाण्डेय कहते है कि बात सिर्फ इन सीटों की ही नही है अगर गांधी परिवार ही इन दोनों सीटों पर उतरता है तो इसका असर यूपी की बाकी सीटों पर भी पड़ेगा। यूपी में कार्यकर्ता ज्यादा जोश के साथ लोकसभा चुनावमें पार्टी के लिए काम करेंगे। हमने अपनी बात केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचा दी है अंतिम फैसला पार्टी को ही लेना है। लेकिन फिलहाल इन दोनों सीटों पर पेंच फंसा है।