झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कथित भूमि घोटाले में अपना बयान दर्ज करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कुछ दिनों पहले जारी किए गए ‘अंतिम अवसर’ का जवाब दिया है। एजेंसी ने उनके समन को ‘अवैध’ करार दिया है।
सूत्रों के मुताबिक झारखंड के मुख्यमंत्री ने ईडी को लिखे अपने पत्र में यह भी कहा है कि वह अपनी संपत्तियों का ब्योरा पहले ही दे चुके हैं। वह अब तक छह समन छोड़ चुके हैं। सोरेन ने उन्हें जारी किए गए समन के जवाब में ईडी को पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि समन ‘अवैध’ हैं। उन्होंने ईडी पर पूरे मामले का मीडिया ट्रायल करने का भी आरोप लगाया है। अपने जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने संपत्तियों का ब्योरा पहले ही दे दिया है। उन्होंने ईडी पर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया है।
इससे पहले पिछले हफ्ते ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के प्रावधानों के तहत झारखंड के सीएम को सातवां समन जारी किया था जिसमें उन्हें अपना बयान दर्ज करने के लिए कहा गया था। क्योंकि वह ईडी के छह समन के लिए उपस्थित नहीं हुए थे। इस बार एजेंसी ने कहा कि बयान दर्ज करने का यह उनका आखिरी मौका है।
ईडी ने अपने समन में कहा “चूंकि आप जारी किए गए समन का पालन करते हुए प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में नहीं आए हैं, इसलिए हम आपको धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 50 के तहत अपना बयान दर्ज करने का यह आखिरी मौका दे रहे हैं। तारीख और समय, आपके साथ-साथ अधोहस्ताक्षरी (ईडी) के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक, जो इस नोटिस/समन की प्राप्ति के 7 दिनों के भीतर होना चाहिए।”
एजेंसी ने उनसे इस संचार की प्राप्ति के दो दिनों के भीतर स्थान, तारीख और समय बताने को कहा है। ईडी ने समन में उल्लेख किया है “छह समन जारी होने के बावजूद आप (हेमंत सोरेन) निराधार कारणों का हवाला देते हुए इस कार्यालय के समक्ष उपस्थित नहीं हुए हैं। यह गैर-उपस्थिति वर्तमान मामले में जांच की प्रगति को बाधित कर रही है।”
ईडी ने पूछताछ के लिए 12 दिसंबर को छठा समन जारी किया लेकिन मुख्यमंत्री कार्यवाही में शामिल नहीं हुए। सीएम सोरेन को पहली बार ईडी ने अगस्त के मध्य में भूमि ‘घोटाले’ मामले में तलब किया था। हालाँकि सीएम ने यह दावा करते हुए सम्मन को नजरअंदाज कर दिया कि वह राज्य के स्वतंत्रता दिवस समारोह में व्यस्त थे।
सीएम सोरेन को 24 अगस्त और 9 सितंबर को फिर से उपस्थित होने के लिए कहा गया था। लेकिन उन्होंने व्यस्तताओं का हवाला देते हुए तारीखों को छोड़ दिया। इसके बाद एजेंसी ने झारखंड के सीएम को अपना चौथा समन जारी किया और उन्हें 23 सितंबर को एजेंसी को रिपोर्ट करने के लिए कहा। सीएम ने पहले धमकी दी थी कि अगर केंद्र ने उनके खिलाफ जारी समन वापस नहीं लिया तो वह केंद्र के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेंगे।
एजेंसी को लिखे अपने पत्र में सोरेन ने कहा कि उन्होंने ईडी को सभी आवश्यक दस्तावेज और जानकारी उपलब्ध करा दी है। उन्होंने लिखा कि अगर ईडी को किसी भी जानकारी की जरूरत है तो वह उन दस्तावेजों का हवाला दे सकती है जो उन्होंने पहले ही एजेंसी के साथ साझा किए हैं। हालांकि उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी ने अपने “राजनीतिक आकाओं” के इशारे पर उन्हें 14 अगस्त को बुलाया था।