Lok Sabha Election 2024: देश की राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी पुरुषों की तुलना में हमेशा से कम रही है। अगर बात पूर्वांचल की राजनीति की करें तो यहां के हालात महिला सशक्तिकरण पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं। गोरखपुर व बस्ती मंडल में 77 वर्षों के भीतर महज एक महिला सांसद चुनी गई हैं। पूर्वांचल में महिलाओं के हिस्से में पहले तो कोई सीट आती ही नहीं है और अगर आ भी जाए तो वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में जीत का परचम नहीं लहरा पाती हैं। आइए इस बारे में विस्तार से जान लेते हैं…
राजनीतिक पार्टियां नहीं जतातीं भरोसा
राजनीतिक पार्टियां महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार देने का दावा तो करती हैं, लेकिन असल में कहानी इसके उलट है। बड़े राजनीतिक दल महिला उम्मीदवारों पर न के बराबर भरोसा दिखाते हैं। यही कारण है कि गोरखपुर व बस्ती मंडल में 77 वर्षों में महज एक महिला सांसद चुनी गई हैं। आजादी के बाद के आंकड़ों की बात करें तो लोकसभा के 17 चुनावों में 150 से अधिक प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे, जिनमें केवल 22 महिलाएं ही यहां से उम्मीदवार बनी हैं।
सिर्फ एक बार हुई महिला प्रत्याशी की जीत
सुभावती पासवान बांसगांव सीट से इकलौती महिला सांसद रही हैं। पति ओमप्रकाश पासवान की हत्या के बाद सपा ने उन्हें यहां से चुनाव मैदान में उतारा था। सुभावती ने बांसगांव क्षेत्र का प्रतिनिधित्व संसद में किया। इसके बाद वह यहां से तीन बार चुनाव लड़ीं, लेकिन जीतने में नाकाम रहीं। लगातार तीन बार हार का सामना करने के बाद उनके बेटे कमलेश पासवान मैदान में आए और भाजपा के टिकट पर तीन बार सांसद चुने गए। वह इस बार भी बीजेपी की ओर से बांसगांव सीट से प्रत्याशी हैं।
गोरखपुर सीट से सपा ने उतारा महिला प्रत्याशी
बता दें, लोकसभा चुनाव 2024 में गोरखपुर सीट से काजल निषाद सपा की प्रत्याशी हैं। वह इस क्षेत्र से किसी बड़े राजनीतिक दल द्वारा टिकट पाने वाली इकलौती महिला प्रत्याशी हैं। काजल निषाद गोरखपुर क्षेत्र से अभिनेता व मौजूदा भाजपा सांसद रवि किशन शुक्ला के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। काजल की उम्र 41 वर्ष है और वह एक लोकप्रिय टीवी अभिनेत्री रही हैं। उन्होंने ‘लापतागंज’ जैसे कई लोकप्रिय टीवी शो में काम किया है।