राम की नगरी अयोध्या शुक्रवार को शिवमई हो गई है। हर हर महादेव और भोले शंकर के जयकारों के बीच शिव भक्तों का हुजूम दिखाई दे रहा है। भोर से ही पवित्र सरयू में डुबकी लगाकर भक्त अपने आराध्य भोले का दर्शन कर रहे हैं। ऐसा हो भी क्यों ना आज शिवरात्रि जो है और बाबा के दर्शन और उनकी आराधना का खास पर्व भी है। खास बात यह है कि अपने भव्य मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठित होने के बाद यह पहली महाशिवरात्रि है। इसलिए भोले के पुजारी इसे और खास बता रहे हैं।
अयोध्या में हर जगह शिव की छटा बिखरी दिखाई दे रही है। श्रद्धा से लेवरेज भक्ति में सराबोर शिव भक्तो की भोर से ही लंबी कतार लगी हैं। अति प्राचीन और देश के 108 ज्योतिर्लिंगों में से एक अयोध्या का नागेश्वर नाथ महादेव मंदिर शिवभक्तों की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है। लिहाजा शिव भक्त ब्रह्म मुहूर्त से ही सरयू स्नान करके बेल पत्र , गेहूं की बाली , गन्ने का गुटका , बेर, पुष्प चढ़ाकर दूध और जल का अभिषेक कर रहे हैं। शाम को यूं तो हर शिव मंदिर से भगवान शिव की बारात धूमधाम से निकल जाएगी। लेकिन अयोध्या के नागेश्वर नाथ मंदिर से निकलने वाली बारात बेहद खास होती है। यह नगर भ्रमण करते हुए क्षीरेश्वर नाथ मंदिर , हनुमानगढ़ी और कनक भवन मंदिर सहित प्रमुख मंदिरों से होते हुए वापस नागेश्वर नाथ मंदिर पहुंचेगी। जहां देर रात्रि देश विदेश के भक्तों के बीच भगवान शिव और माता पार्वती के पाणिग्रहण संस्कार के भावपूर्ण अनुष्ठान संपन्न किए जाएंगे।
नागेश्वर नाथ मंदिर के पुजारी आनंद द्विवेदी ने बताया कि इस समय पूरी अयोध्या ही खास है। उस पर भी भगवान भोलेनाथ तो आराध्य हैं। भोलेनाथ श्री राम जी के और श्री राम जी भगवान भोलेनाथ के आराध्य हैं। भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह उत्सव है और हमारे रामलला की स्थापना हुई है यह पूरे अयोध्या के लिए ही क्या सनातन धर्म के लिए महाशिवरात्रि है। आने वाली जो रामनवमी होगी वह और भी खास होगी। यह महान उत्सव का पर्व है सारे सनातन प्रेमी बहुत ही प्रसन्न है।