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धनतेरस, नरक चतुर्दशी और दिवाली पर जलाएं इतने दीये, मां लक्ष्मी होगी प्रसन्न

धनतेरस के दिन 13 दीपक जलाने की परंपरा है। यह संख्या धन की देवी लक्ष्मी से जुड़ी हुई है और माना जाता है कि इससे घर में धन और समृद्धि आती है।
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Diwali 2024: दिवाली का त्योहार हिंदुओं का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह पर्व अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। दिवाली से पहले धनतेरस, नरक चतुर्दशी जैसे पर्व भी मनाए जाते हैं। इन सभी पर्वों पर दीपक जलाने की परंपरा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दिनों कितने दीपक जलाने चाहिए? आइए जानते हैं।

धनतेरस के दिन 13 दीपक जलाने की परंपरा है। यह संख्या धन की देवी लक्ष्मी से जुड़ी हुई है और माना जाता है कि इससे घर में धन और समृद्धि आती है।

दीपक जलाने की सही विधि: (Diwali 2024)

  • पहला दीपक: मुख्य द्वार पर जलाया जाता है। यह घर में आने वाले धन को आमंत्रित करता है।
  • दूसरा दीपक: रसोईघर में जलाया जाता है। यह अन्न और समृद्धि का प्रतीक है।
  • तीसरा दीपक: घर के मंदिर में जलाया जाता है। यह भगवान को समर्पित होता है।
  • बाकी 10 दीपक: घर के बाकी कोनों में जलाए जाते हैं। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

धनतेरस के अगले दिन, 30 अक्टूबर 2024 को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। इस दिन 13 की जगह 14 दीपक जलाने का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं क्यों और कैसे:

14 दीपक क्यों?

  • 13 दीपक का महत्व: धनतेरस पर 13 दीपक जलाने की परंपरा है जो लक्ष्मी जी से जुड़ी हुई है। यह संख्या धन और समृद्धि का प्रतीक है।
  • 14वां दीपक: नरक चतुर्दशी पर 14वां दीपक यमराज को समर्पित होता है। यह माना जाता है कि इस दीपक से यमराज प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को अकाल मृत्यु से बचाते हैं।
  • चारों दिशाएं: चौमुखी दीपक चारों दिशाओं को दर्शाता है और यह माना जाता है कि यह चारों दिशाओं से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है।

दिवाली, हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है, जो प्रकाश और खुशी का प्रतीक है। इस दिन 14 दीपक जलाने की परंपरा है। आइए जानते हैं क्यों और कैसे:

यह भी पढ़ें- दिवाली की रात बस कर लें ये काम, दूर होगी दरिद्रता; बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

14 दीपक क्यों?

  • अंधकार पर प्रकाश की विजय: 14 दीपक अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक हैं।
  • सकारात्मक ऊर्जा: यह माना जाता है कि 14 दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • लक्ष्मी जी का आशीर्वाद: यह माना जाता है कि 14 दीपक जलाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

वाली के पावन पर्व पर दीपक जलाने की परंपरा सदियों पुरानी है। दीपक जलाने से न केवल घर में रोशनी आती है बल्कि यह धार्मिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दीपक जलाने के लिए किस तेल का उपयोग करना चाहिए? आइए जानते हैं।

घी, सरसों का तेल और अलसी का तेल

दिवाली के दौरान आप अपने घर में घी, सरसों के तेल या अलसी के तेल का दीपक जला (Diwali 2024) सकते हैं। इन तीनों तेलों का अपना अलग महत्व है।

  • घी: घी को शुद्ध माना जाता है और इसे देवताओं को अर्पित किया जाता है। घी का दीपक जलाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  • सरसों का तेल: सरसों का तेल भी दीपक जलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह माना जाता है कि सरसों का तेल नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
  • अलसी का तेल: अलसी का तेल यानी फ्लैक्स सीड ऑयल हाल के समय में काफी लोकप्रिय हुआ है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, दिवाली पर अलसी के तेल का दीपक जलाने से कुंडली में शनि, राहु और केतु का अशुभ प्रभाव कम होता है। साथ ही घर-परिवार में खुशियों का आगमन होता है।

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