Pitru Paksha 2024: हिंदू धर्म में पितृपक्ष को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि पितृपक्ष में श्राद्ध करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। पितृपक्ष में श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करना काफी अच्छा माना जाता है।
कहा जाता है कि अगर कोई इंसान पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान विधिवत रूप से करता है, तो उसके पितरों को काफी खुशी मिलती है। आज यानी 20 सितंबर को पितृपक्ष (Pitru Paksha 2024) का तीसरा दिन है, जिसे तृतीया श्राद्ध और तीज श्राद्ध कहा जाता है। चलिए आपको बताते हैं कि तृतीया श्राद्ध करने की सही विधि और मुहूर्त क्या है…
तृतीया श्राद्ध कर्म के मुहूर्त
आज सुबह 11 बजकर 50 मिनट से कुतुप मुहूर्त की शुरुआत हो रही है, जो दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगी। वहीं, दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से रौहिण मुहूर्त का शुभारंभ हो रहा, जो दोपहर 1 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
तृतीया श्राद्ध करने की सही विधि
सबसे पहले श्राद्ध करने वाले जातक को स्नान करना चाहिए। फिर साफ कपड़े पहनना चाहिए। इसके बाद तर्पण पिंडदान आदि कर्म करना चाहिए। फिर पितरों को गंगाजल, जौ, तुलसी व शहद मिश्रित जल और उनके नाम से दिया जलाना चाहिए।
तृतीया श्राद्ध पर गाय, चींटी, कौवा आदि को भोजन कराना काफी शुभ माना जाता है। इसलिए पहले इनके लिए भोजन का एक अंश निकाल लें। फिर 3 ब्राह्मणों को भी खाना खिलाएं।
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इस बात का ध्यान रखें कि जीवों को भोजन देते समय आप अपने पितरों को याद करें और मन में ही उनसे खाना खाने की प्रार्थना करें। श्राद्ध कर्म पूरा करने के बाद ब्राह्मण को दान दक्षिणा दें। अगर इस दिन आप किसी गरीब की सहायता कर सकें, तो इससे आपके पितरों को विशेष प्रसन्नता होगी।