Rangbhari Ekadashi: होली खेले रघुबीरा ,अवध में होली खेले रघुबीरा । भगवान् राम के बारे में होली के ख़ास अवसर पर गाए जाने वाले इस ख़ास गीत को सुन कर अवध में खेली जाने वाली होली के स्वरूप और परम्परा का भान हो जाता है। इस बार की होली अयोध्या के लिए राम वाली होली है क्योंकि रामलला के भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद की यह पहली होली है।
वैसे अयोध्या में होली के कई रंग दिखते हैं। साधू संतो की माने तो इस दिन वह किसी और के साथ नहीं बल्कि साक्षात् भगवान् राम के साथ ही होली खेलते हैं। चाहे वह सड़को पर रंग गुलाल खेलते साधू संत हो, करतब दिखाते साधू संत हो या फिर अवधी लोकगीत पर झूमते मंदिरों के साधू संत, इस मौके पर अवध के नृत्य संगीत का जो जादू मंदिरों में दिखाई देता वह वरवास ही वशीभूत करने वाला होता है और साधू संत हो या आम नागरिक सभी अपनी सुध बुध खोकर होली के रंग में भीग जाते है।
अयोध्या में रंग भरी एकादशी के साथ मंदिरों में होली शुरू हो जाती है और होली तक पूरी अयोध्या फागुनी रंग में सराबोर हो जाती है। अयोध्या में इसी ख़ास अवसर पर निकलने वाले हनुमान गढ़ी के पवित्र निशान के साथ नागा साधू सड़को पर और मंदिर-मंदिर रंग गुलाल के साथ होली खेलते हैं। बैंड-बाजे के साथ अयोध्या की सड़को पर होली के अवसर पर निकलने वाला साधू संतो का काफिला सबकुछ भूल होली के हुडदंग में शामिल हो जाता है। सड़को पर वाद्य यंत्रो के साथ तरह तरह के करतब दिखाते और रंग गुलाल उड़ाते साधू संत मंदिर मंदिर जाते है और वंहा मौजूद साधू संतो को लेकर उस मंदिर में पूजा अर्चना कर साथ लेकर आगे बढ़ जाते हैं।
ऐसी मान्यता है कि अयोध्या में हनुमान जी सभी देवी देवताओं को निमंत्रण देने खुद जाते हैं इसीलिए उनका पवित्र निशान वर्ष में केवल एक बार इसी ख़ास अवसर पर निकाला जाता है।