CM Yogi Adityanath: यूपी में जब से मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ ने शपथ ली है अपराधियों की शामत आई हुई है। योगी के 7 साल के कार्यकाल में कुख्यात माफिया और दुर्दांत अपराधी एक एक कर खत्म होते जा रहे हैं। चाहे अपराधियों की किसी बीमारी से जान गई हो या फिर किसी ने गैंग वार में दम तोड़ दिया हो। माफिया मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में बीमारी के दौरान हुई मौत के बाद इसकी एक बार फिर से चर्चा हो रही है।
जानें कैसे मारे गए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया
अगर एक नजर डाले तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की लखनऊ कोर्ट में पेशी के दौरान हत्या हो गई थी। बाहुबली अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में पुलिस कस्टडी में हत्या हो गई। कानपुर में बिकरु कांड के मुख्य आरोपी कुख्यात विकास दुबे हिरासत से भागने के दौरान एनकाउंटर में मारा गया। अंबेडकर नगर के कुख्यात माफिया खान मुबारक की भी हरदोई जेल में बीमारी के दौरान मौत हुई थी। पूर्वांचल के कुख्यात माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में गोलियां मार कर हत्या की गई थी। मुख्तार के करीबी मुकीम काला, मेराज और कुख्यात अंशु दीक्षित की चित्रकूट जेल में गैंग वार में मौत हुई थी।
योगी काल में माफिया डॉन संजीव जीवा का खात्मा
उत्तर प्रदेश में बीते 7 साल में कई बड़े माफिया डॉन और गैंगस्टर का खात्मा किया जा चुका है। 7 जून 2023 को पश्चिमी यूपी के गैंगस्टर संजीव जीवा की लखनऊ में गोली मारकर हत्या कर दी गई। जीवा को उस वक्त गोली मारी गई जब लखनऊ कोर्ट में उसे पेशी पर लाया गया था। यहां हमलावर वकील की वेशभूषा में पहुंचे थे। जीवा बीजेपी के बड़े नेता ब्रह्म दत्त द्विवेदी की हत्या के मामले में भी आरोपी रहा था और जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा था। संजीव जीवा पर जेल से ही गैंग चलाने के आरोप लगते रहे और उस पर 22 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे।
गैंगस्टर अनिल दुजाना को एसटीएफ ने किया ढेर
गैंगस्टर अनिल दुजाना को एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। जमानत पर बाहर आने के बाद अनिल दुजाना पर उसके खिलाफ गवाही देने वालों को धमकाने का मामला सामने आ रहा था। पुलिस को मुखबिरों ने यह भी बताया था कि दुजाना किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था ऐसे में मेरठ में स्पेशल टास्क फोर्स ने घेराबंदी करके दुजाना को ढेर कर दिया। उस पर राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 60 के करीब अपराधीक केस दर्ज रहे हैं।
कुख्यात गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी और विकास दुबे का अंत
यूपी में कुख्यात गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या कर दी गई। पूर्वांचल में खौफ कायम करने के इरादे से मुख्तार अंसारी गैंग में मुन्ना शामिल हुआ। बीजेपी के विधायक कृष्णा नंद राय की हत्या को अंजाम देने में मुन्ना की अहम भूमिका रही। इसके बाद मुन्ना बजरंगी के नाम से लोग खौफ खाने लगे। बिकरू कांड के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे की 10 जुलाई 2020 को पुलिस अभिरक्षा से भागते समय एनकाउंटर में मौत हो गई। विकास दुबे पर 8 पुलिस कर्मियों की मौत समेत तमाम आपराधिक मुकदमे दर्ज रहे।
माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या
पिछले साल 15 अप्रैल को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की उस वक्त हत्या कर दी गई जब अतीक अहमद को इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल के पास दोनों भाइयों को गोली मार दी गई।
माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत
वही बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत हार्ट अटैक से मेडिकल कॉलेज में हो गई। पिछले 19 सालों से देश भर की विभिन्न जिलों में बंद रहे मुख्तार अंसारी की तबीयत इन दिनों लगातार खराब हो रही थी और मुख्तार के द्वारा कोर्ट में उसे स्लो प्वाइजन दिए जाने की आरोप भी लगाए गए थे। ऐसे में जानकार कहते हैं कि अपराधियों के बड़े नेटवर्क को या तो वक्त ने कमजोर कर दिया या फिर उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार में अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति चलाकर उन्हें मिट्टी में मिला दिया गया।