Covid-19 Vaccine: कोविड-19 की वैक्सीन कोविशील्ड को लेकर दुनियाभर में कोहराम मच गया है। ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के यूके की अदालत में पेश होने के बाद कोविशील्ड को लेकर हजारों सवाल उठ खड़े हुए हैं। समाजवादी पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोविड-19 वैक्सीन को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। उनहोंने कहा कि लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करने वालों को जनता कभी माफ़ नहीं करेगी। ऐसी जानलेवा दवाइयों को अनुमति देना किसी की हत्या के षड्यंत्र के बराबर है और इसके लिए ज़िम्मेदार सभी लोगों पर आपराधिक मुक़दमा चलना चाहिए।
जनता का डर सही साबित हुआ: अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा “एक व्यक्ति को 2 वैक्सीन के हिसाब से लगभग 80 करोड़ भारतीयों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गयी है, जिसके बारे में उसका मूल फ़ार्मूला बनाने वाली कंपनी ने कहा है कि इससे हार्ट अटैक का ख़तरा हो सकता है। जिन लोगों ने वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के कारण अपनों को खोया है या जिन्हें वैक्सीन के दुष्परिणामों की आशंका थी, अब उनका शक़ और डर सही साबित हुआ है।
“न क़ानून कभी उन्हें माफ़ करेगा, न जनता”
अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा “सत्ताधारी दल ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनी से राजनीतिक चंदा वसूलकर जनता की जान की बाज़ी लगायी है। न क़ानून कभी उन्हें माफ़ करेगा, न जनता। इस मामले में सर्वोच्च स्तर पर न्यायिक जांच हो।
एस्ट्राजेनेका ने बताए कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स
ब्रिटेन की कंपनी एस्ट्राजेनेका(AstraZeneca) ने यूके हाईकोर्ट में स्वीकार किया है कि उनकी कंपनी द्वारा बनाई गई कोविड-19 वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) जैसे गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते है। कंपनी द्वारा बनाई गई वैक्सीन को दुनियाभर में कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया के नाम से जाना जाता है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के कारण इंसान के शरीर और दिमाग में खून के थक्के जम सकते हैं। शरीर में खून के थक्के जमने के कारण ब्रेन स्ट्रोक और कार्डियक अरेस्ट होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा इस सिंड्रोम से खून में प्लेटलेट्स कम होने की भी संभावना बढ़ जाती है।
ब्रिटेन के निवासी ने वैक्सीन के खिलाफ दायर की याचिका
ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा निर्मित वैक्सीन के खिलाफ ब्रिटेन के निवासी जैमी स्कॉट ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने अप्रैल 2021 में कोरोना वैक्सीन की डोज ली थी, जिसके बाद वह स्थाई मस्तिष्क क्षति से जूझ रहे हैं। जैमी स्कॉट समेत कई अन्य मरीजों में TTS के साथ थ्रोम्बोसिस नाम के दुर्लभ संकेत दिखे थे। इसके बाद शिकायतकर्ताओं ने कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कराते हुए मुआवजे की मांग की थी।